
*🚨 BENGALURU BIG CRIME EXPOSE
अनेकल में मेडिकल सेंटर के अंदर महिला से यौन उत्पीड़न रेडियोलॉजिस्ट जयकुमार पर गंभीर आरोप — FIR के बाद भी पुलिस ने छोड़ा, उठे बड़े सवाल**
लोकेशन: अनेकल, बेंगलुरु (कर्नाटक)
दिनांक: 15 नवंबर
बेंगलुरु के अनेकल क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि मेडिकल संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गहरी चिंता उत्पन्न की है। एक निजी स्कैन सेंटर में रेडियोलॉजिस्ट जयकुमार पर एक महिला मरीज का यौन उत्पीड़न करने का सनसनीखेज आरोप लगा है। हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़िता द्वारा FIR दर्ज कराए जाने के बावजूद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय पूछताछ के बाद छोड़ दिया, जिससे जनता और महिला अधिकार संगठनों में भारी आक्रोश है।
■ मरीज बनकर आई महिला के साथ हुआ घिनौना व्यवहार
जानकारी के अनुसार पीड़िता तेज पेट दर्द की शिकायत लेकर अपने पति के साथ अनेकल स्थित एक निजी स्कैन सेंटर पहुंची थी। स्कैनिंग रूम में रेडियोलॉजिस्ट जयकुमार ने पहले तो जांच के नाम पर सामान्य प्रक्रिया शुरू की, लेकिन कुछ ही क्षण में वह अपनी सीमाएं पार कर गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्कैन की आड़ में जयकुमार ने पहले महिला के हाथ को अनुचित तरीके से छुआ और बाद में उसके निजी अंगों को गलत तरीके से स्पर्श करना शुरू कर दिया। महिला ने विरोध किया तो आरोपी ने न सिर्फ उसे अश्लील भाषा में धमकाया, बल्कि कहा कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो वह उसे जान से मार देगा। यह सुनकर महिला सदमे में थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
अपने साहस का परिचय देते हुए महिला ने पूरी घटना को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब केस का सबसे महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।
■ पुलिस कार्रवाई पर जनता में गुस्सा
घटना के बाद महिला और उसका पति तुरंत अनेकल पुलिस स्टेशन पहुंचे और FIR दर्ज कराई।
लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्रवाई बेहद सवालों के घेरे में है। FIR दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने आरोपी को:
- न गिरफ्तार किया,
- न ही किसी तरह का रिमांड लिया,
- बल्कि मात्र कुछ घंटे पूछताछ कर रिहा कर दिया।
यह कदम न सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि पीड़िता की सुरक्षा को भी गंभीर खतरे में डालता है। कई विशेषज्ञ इस कार्रवाई को पुलिस की जानबूझकर लापरवाही बता रहे हैं।
■ कानूनी विशेषज्ञों ने तमाचा बताया पुलिस कार्रवाई को
कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले में IPC 354, 354-A, 506 जैसी गंभीर गैर-जमानती धाराएँ लागू होती हैं। ऐसे मामलों में आरोपी को छोड़ना न सिर्फ असामान्य, बल्कि सीधे-सीधे कानूनी प्रावधानों के विपरीत है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस का यह कदम पीड़ित महिलाओं को गलत संदेश देता है और अपराधियों का मनोबल बढ़ा सकता है।
■ स्थानीय समुदाय और महिला संगठनों में उबाल
घटना के बाद अनेकल और आसपास के क्षेत्रों में गुस्से का माहौल है। महिला संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने पुलिस प्रशासन के इस रवैये की कड़ी निंदा की है और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
लोगों का कहना है कि मेडिकल सेंटर जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी यदि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो यह समाज और सिस्टम दोनों के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।
■ बेंगलुरु में बढ़ते अपराध और पुलिस पर उठ रहे सवाल
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहले ही महिला सुरक्षा के मामलों को लेकर कई बार चर्चाओं में रही है। ऐसे में मेडिकल प्रोफेशन में कार्यरत व्यक्ति द्वारा अपराध और फिर पुलिस की ढिलाई ने लोगों में भरोसे का संकट खड़ा कर दिया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर पुलिस कार्रवाई में देरी की गई तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।
रिपोर्ट — ALICK SINGH
Editor – Vande Bharat Live TV News
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