
सीधी । शासन के नियम कहते हैं कि एक परिवार का केवल एक जॉब कार्ड बनाया जा सकता है दूसरा नहीं लेकिन शासन के इसी नियम को ठेगे पर रखते हुए रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने एक परिवार के आठ जॉब कार्ड बनाए और उसमें फर्जी नामों को शामिल किया जो कि उस परिवार के सदस्य ही नहीं थे। इतना ही नहीं एक ही नाम का दो बार भी उपयोग किया और फर्जी जॉब कार्ड में मजदूरी दर्ज कर लाखों रुपए डकार गया।
आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी की दूरस्थ ग्राम पंचायत करैल के ग्राम केरहा के निवासी हैं रंगीलाल यादव पिता रामदीन।
1- पहला जॉब कार्ड- एमपी 15-007-037-003-112/A दिनांक 14 अप्रैल 2021 रंगीलाल के अलावा पारिवारिक सदस्य पतिया,अनारकली, फूलकली और कलिता।

2- दूसरा जॉब कार्ड- एमपी- 15-007-037-003/155 -A दिनांक 14 अप्रैल 2021 रंगीलाल पिता रमदीन के अलावा पतिया शामिल।

3- तीसरा जॉब कार्ड- एमपी- 15-007-037-003/80-B दिनांक 14 अप्रैल 2020 रंगीलाल पिता रामदीन की जगह केवल राम और पारिवारिक सदस्यों में रंगीलाल के अलावा फूल, गोलरी और अनारकली। सूत्रों की माने तो फूलकली को फूल बनाया गया और अनारकली का ही घरेलू नाम गोलरी है लेकिन बड़ी ही चालाकी से एक आदमी के दो नाम लिखकर दो आदमी बनाया गया।

4- चौथा जॉब कार्ड- एमपी- 15-007-037-003/95 -A रंगलाल पिता रामदेव 14 अप्रैल 2020। पारिवारिक सदस्यों में रंगीलाल के अलावा पतिया ,अनारकली और राम शंकर जिसमें राम शंकर का कुछ आता पता नहीं है।

5- पांचवा जॉब कार्ड- एमपी- 15-007-037-003/87- B दिनांक 6 दिसंबर 2022 रंगीलाल पिता रामदीन । रंगीलाल के अलावा पतिया।

6- छठवां जॉब कार्ड- एमपी- 15-007-037-003/7 रॅगीलाल पिता रामदीन दिनांक 28 फरवरी 2006। पारिवारिक सदस्यों में रंगलाल के अलावा पतिया ,सोनवा और फूलकली।
7- सातवाॅ जाब कार्ड रंगीलाल की पत्नी पतिया के नाम पर जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007-037-003/80-C पतिया पत्नी रंगीलाल दिनांक 14 अप्रैल 2020 पारिवारिक सदस्यों में पतिया के अलावा सोहना, रामबदन और पचनी जिसमें पतिया के अलावा बाकी सदस्यों का कुछ आता पता नहीं है।
8- आठवां जॉब कार्ड जिसमें पतिया को पतियाबाई और रंगलाल को रंग बहादर लिखा गया। इस जॉब कार्ड में पारिवारिक सदस्यों में पतिया बाई के अलावा फूलकली जो कि पतिया और रंगीलाल की पुत्री है जिनका नाम पहले भी रंगीलाल के जॉब कार्ड में आया है के अलावा सुमन और उषा बाई का नाम शामिल किया गया है जिनका कुछ अता-पता नहीं है। रंग बहादुर का नाम मतदाता सूची में नहीं मिलने पर जब हमने सरपंच बृजभूषण सिंह से इसकी पुष्टि की तो उन्होंने भी बताया कि के रहा में रंगीलाल तो है लेकिन रंगबहादुर नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है।
फर्जी दस्तावेज बनाने के बाद अब बात करते हैं घोटाले की तो चौथे जॉब कार्ड में पटिया को 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक डग पौड निर्माण चंदरसा बेलवारी नाला के पास , 24 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक डग पौड निर्माण बेदो, 17 मई 2021 से 23 मई 2021 तक और 24 मई 2021 से 30 मई 2021 तक खेत तालाब निर्माण राम दरस के खेत में केरहा में काम करना लेख किया गया है। इसी दौरान सातवां जॉब कार्ड जो की पतिया पत्नी रंगीलाल के नाम से बनाया गया है में 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक पतिया को डग पौन्ड निर्माण लोखडी टोला चंदरसा में काम करना लेख किया गया है जबकि पतिया बाई पत्नी रंगबहादर के नाम से बनाए गए जॉब कार्ड में 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक पतिया बाई को डग पौंड निर्माण चंदरसा बेलवारी नाला के पास, 24 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक डग पौड निर्माण बेदो तथा 17 मई 2021 से 23 मई 2021 तक और 24 मई 2021 से 30 मई 2021 तक खेत तालाब निर्माण रामदरस के खेत में केरहा में काम करना लेख किया गया है।
अब इसे कानूनी तौर पर फर्जी दस्तावेज बनाकर मजदूरी के रूप में लाखों रुपए का आहरण कर गबन करना नहीं तो और क्या कहेंगे ?
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं हवाई चप्पल में चलने वाले को हवाई जहाज में देखना चाहता हूं। उनके इस कथन को ग्राम पंचायत करैल के रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव ने बड़ी गंभीरता से लिया और हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर महज 15 वर्षों में तय किया है लेकिन प्रधानमंत्री ने यह नहीं कहा था कि हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर तय करने के लिए फर्जी दस्तावेज और गबन का रास्ता अपनाया जाए । अपने इस सफर में रोजगार सहायक में कईयो की हवाई चप्पले तक छीन ली है।
















