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जर्जर स्कूल भवन में नौनिहाल गढ़ रहे सुनहरे भविष्य के सपने, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

अजीत मिश्रा खोजी

बस्ती में हजारों बच्चे जान हथेली पर लेकर अपने सुनहरे भविष्य की इबारत लिख रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कागजों में जिन स्कूल भवनों को जर्जर घोषित कर दिया, वहां बच्चे पढ़ने जा रहे हैं।

 ।। जर्जर स्कूल भवन में नौनिहाल गढ़ रहे सुनहरे भविष्य के सपने, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा।।

बस्ती जिले की सरकारी स्कूलों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं हैं, जिले में एक दो नहीं बल्कि 261 विद्यालय ऐसे है जो पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। नौनिहाल मौत के साये में पढ़ने को मजबूर हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कागजों में इन स्कूल भवनों को जर्जर घोषित कर दिया है, बावजूद मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

यह पूरा मामला कुदरहा विकास खंड के विशुनपुरा प्राथमिक स्कूल का है। पहली नजर में ही आपको इस स्कूल की तस्वीर देख कर डर लग जाएगा, लेकिन गरीब परिवार के बच्चों की जान के साथ खिड़वाड़ किया जा रहा है। इस स्कूल की छत कब गिर जाए अंदाजा लगाना मुश्किल है, दीवारें इस कदर दरक चुकी है कि कब टूट कर गिर जाए भगवान ही मालिक है।

🏢कागजों में जर्जर घोषित हो चुकी है बिल्डिंग–

स्कूल की बिल्डिंग को कागजों में जर्जर घोषित किया जा चुका है, फिर भी उन्हें इस स्कूल की क्लासों में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है, भवन की दीवारें और छत बेहद कमजोर हो चुकी है।‌ फिर भी शिक्षक महोदय इन बच्चों के जीवन को जानबूझकर कुएं में धकेल रहे है।

स्कूल के प्रधानाचार्य राहुल कुमार ने बताया कि स्कूल का भवन कंडम घोषित हो चुका है, अभी तक भवन किसी वजह से नीलाम नहीं हो सका है, इसलिए बच्चों को मजबूरी में इसी बिल्डिंग में पढ़ाया जा रहा है। प्रधानाचार्य की बातों से प्रतीत होता है कि इस जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाना मजबूरी है।

🏢जर्जर घोषित हो चुके हैं जिले 261 स्कल भवन–

बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार ने कहा, जनपद में भी एक दो नहीं बल्कि 261 विद्यालय जर्जर घोषित किए जा चुके है, जिसकी टेक्निकल कमेटी जांच करके रिपोर्ट भी दे चुकी है, और इसकी रिपोर्ट शासन में भेजी जा चुकी है। कुल मिलाकर बात यह है कि जिले में एक दो नहीं बल्कि हजारों मासूम जिंदगियां मौत के साये में पढ़ाई करने को मजबूर है। कब क्या दुर्घटना हो जाए इस बात से शिक्षा अधिकारी भी वाकिफ हैं, मगर काजगी प्रक्रिया के आगे मजबूर हैं।

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