
सिद्धार्थनगर। नवंबर माह का पहला सप्ताह बीतते ही मौसम ने करवट बदल ली है। सुबह-शाम ठंड और दिन में हल्की गर्मी का मिश्रित असर महसूस किया जा रहा है। इसी बदलाव ने लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द और दस्त जैसी बीमारियों की चपेट में ला दिया है।
शोहरतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर तैनात चिकित्सक डॉ. अर्जुन यादव ने बताया कि यह मौसम बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए संवेदनशील है। थोड़ी सी लापरवाही भी बीमारी को आमंत्रित कर सकती है।
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🩺 लापरवाही बन रही बीमारी का कारण
डॉ. यादव ने बताया कि इन दिनों लोग अब भी एसी में रहना, खुले में सोना, हल्के कपड़ों में सुबह-शाम टहलना और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, जो मौसमी बीमारियों को बढ़ा रहा है।
बच्चों को फर्श पर खेलने देना या सुबह ठंडे पानी से नहलाना भी बड़ी गलती है।
उन्होंने कहा कि अगर लोग थोड़ी सावधानी बरतें, जैसे —
मोटे वस्त्र पहनें,
गुनगुना पानी पिएँ,
गर्म भोजन करें,
और खुले में यात्रा करने से बचें,
तो मौसमी बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।
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🚗 वाहन चलाते समय रखें विशेष ध्यान
डॉ. यादव ने सलाह दी कि वाहन चालकों को भी सतर्क रहना चाहिए।
चार पहिया वाहन में एसी बिल्कुल न चलाएँ,
शीशे बंद न रखें — हल्का खुला छोड़ें ताकि ताजी हवा आ सके।
बाइक चलाते समय ऊनी वस्त्र अवश्य पहनें, जिससे खांसी-जुकाम से बचाव हो सके।
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🧣 चिकित्सकीय सुझाव:
हल्का ऊनी वस्त्र धारण करें।
सामान्य पानी का सेवन करें।
बच्चों को गुनगुने पानी से स्नान कराएँ।
खुले में देर तक रुकने से बचें।
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🌤️ डॉ. यादव का संदेश:
> “मौसम बदल रहा है, ऐसे में छोटी लापरवाही भी बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है। अगर लोग सतर्क रहें तो सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से पूरी तरह बचा जा सकता है।”


















