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सफलता की कहानी जन्मजात बहरेपन से जूझ रही नन्ही खुशी की जिंदगी में लौटी मुस्कान

सुरेन्द्र दुबे डिस्टिक हेड धार 23 अगस्त 25/बाग विकासखण्ड के ग्राम भमोरी पटेलपुरा की पाँच वर्षीय बच्ची खुशी गेहलोत अब सुन सकती है। जन्म से ही बाएं कान से बहरी खुशी का जीवन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और आयुष्मान भारत निरामयम योजना की मदद से पूरी तरह बदल गया है।खुशी के माता-पिता मजदूरी करते हैं और परिवार बेहद गरीब है। जब खुशी अपने गांव लौटी, तब आर.बी.एस.के. टीम ने आंगनवाड़ी केन्द्र पर उसके स्वास्थ्य परीक्षण में पाया कि बच्ची बाएं कान से ध्वनि सुनने में असमर्थ है। टीम ने माता-पिता को बताया कि बच्ची की सर्जरी संभव है और इसका पूरा खर्च शासन उठाएगा।

माता-पिता की सहमति के बाद खुशी को डीईआईसी सेंटर धार से चोइथराम अस्पताल इन्दौर भेजा गया। यहाँ डॉक्टरों ने बच्ची को Cochlear Implant Surgery के लिए चयनित किया। आयुष्मान भारत निरामयम योजना के अंतर्गत शासन से स्वीकृति मिलने पर 6 अगस्त 2025 को यह सर्जरी सफलता पूर्वक हुई।

सर्जरी के बाद खुशी पूरी तरह स्वस्थ है और अब वह सामान्य बच्चों की तरह सुन सकती है। खुशी के माता-पिता ने कहा कि यदि शासन की यह योजना न होती तो उनके लिए ऑपरेशन कराना असंभव था।खुशी के परिवार ने स्वास्थ्य विभाग और म.प्र. शासन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएँ गरीब परिवारों के लिए वरदान हैं।

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