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सात साल से लोकार्पण की राह देख रहा शौचालय

हाटा नगर पालिका में अधूरे शौचालय और आंगनवाड़ी केंद्र बना मिसाल

सात साल से लोकार्पण की राह देख रहा शौचालय

 

हाटा नगर पालिका में अधूरे शौचालय और आंगनवाड़ी केंद्र बना मिसाल

 

हाटा कुशीनगर हाटा नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्य उपेक्षा का शिकार हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सात साल पहले बना एक सामुदायिक शौचालय और 2015 में शुरू हुआ एक आंगनवाड़ी केंद्र आज भी अधूरे पड़े हैं। वार्ड नंबर 6 शास्त्रीनगर में स्थित सामुदायिक शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुका है। इसकी दीवारें टूटी हुई हैं, फाटक गायब हैं, पानी की टोटियां उखड़ी हुई हैं और चारों ओर गंदगी फैली है। स्थानीय निवासी आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं। रामलाल, बिनीत कुमार पांडे, दशरथ सिंह और आशुतोष रंजन सहित कई स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि निर्माण अधूरा छोड़कर बजट का दुरुपयोग किया गया। सभासद विश्राम प्रसाद ने बताया कि उन्होंने इस मामले को कई बार नगरपालिका के समक्ष उठाया है, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला। इस संबंध में, अधिशासी अधिकारी (ईओ) मीनू सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। वहीं, नगरपालिका अध्यक्ष रामानंद सिंह ने इसे पूर्व कार्यकाल का प्रकरण बताते हुए बजट पारित न होने की बात कही। इसी वार्ड में वर्ष 2015 में एक आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण भी शुरू हुआ था। हाटा के नगर पालिका बनने के बाद यह काम बीच में ही रुक गया और भवन वर्षों से अधूरा पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहरीकरण के बाद अब आंगनवाड़ी की आवश्यकता कम और विवाह भवन की जरूरत अधिक है। पूर्व प्रधान और सभासद विश्राम प्रसाद ने मांग की है कि इस अधूरे भवन को विवाह भवन के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि भवन के पास एक एकड़ ग्रामसभा भूमि भी है, जिसका उपयोग मैदान के रूप में किया जाता है। स्थानीय जनता अब इन अधूरे विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।

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