
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।
नवंबर माह में सुबह और शाम के समय हल्की शीत के साथ ठंड का एहसास बढ़ने लगा है। वहीं दोपहर के समय गुनगुनी धूप राहत दे रही है। बदलते मौसम में लापरवाही बरतने वाले लोग बुखार, हरारत, सर्दी-खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों से परेशान हैं। गुरुवार को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 1722 मरीजों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया। इनमें बड़ी संख्या उन मरीजों की रही जो बदलते मौसम से प्रभावित हैं। चिकित्सकों ने मरीजों को सतर्कता बरतने की सलाह दी।
मेडिकल कॉलेज में फिजीशियन डॉ. सीबी चौधरी ओपीडी में मरीजों की समस्याएं सुनते और उन्हें उपचार संबंधी परामर्श दे रहे थे। मरीजों में मधुमेह, बीपी समेत गंभीर बीमारियों के साथ मौसमी बीमारियों के मामले भी शामिल रहे।
चिकित्सकों ने बताया कि गर्मी का मौसम समाप्त हो चुका है और वातावरण में ठंडक घुलने लगी है। सुबह-शाम ठंड बढ़ रही है, ऐसे में पहनावे और खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। लापरवाही करने से सभी उम्र के लोग सर्दी, खांसी, बुखार व हरारत की चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों ने दवा के साथ सावधानी बरतने की सलाह दी।
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बच्चों को लेकर सतर्कता जरूरी
मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नम्रता चौधरी ने बताया कि तापमान में गिरावट से बच्चे भी मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि—
बच्चों को तेज हवा वाले पंखे में न सुलाएं।
ठंडा पानी न पिलाएं।
बच्चों को फर्श पर खेलने से रोकें।
उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
यदि परेशानी बढ़ती है तो तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
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परामर्श के बाद दवा सेवन की मिली सलाह
शोहरतगढ़ क्षेत्र के चिल्हिया गांव निवासी रामसूरत मद्धेशिया गुरुवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वह कई दिनों से बुखार और हरारत से परेशान थे। परामर्श के दौरान उन्होंने बताया कि वह फेरी का कारोबार करते हैं और घूम-घूम कर सामान बेचते हैं। लापरवाही के कारण दिक्कत बढ़ गई। चिकित्सक ने उन्हें दवा देकर आराम कर
ने और सावधानी बरतने की सलाह दी।























