उत्तर प्रदेशबस्तीलखनऊसिद्धार्थनगर 

।। नौगढ़ विकासखंड के जगदीशपुर राजा में 4.86 लाख का मनरेगा फर्जीवाड़ा।।

।। डीसी मनरेगा, BDO, एपीओ और लोकपाल की मिलीभगत।।

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। डीसी मनरेगा, BDO, एपीओ और लोकपाल की मिलीभगत।।

📢 नौगढ़ विकासखंड के जगदीशपुर राजा में 4.86 लाख का मनरेगा फर्जीवाड़ा।

06 दिसंबर 25, उत्तर प्रदेश।

सिद्धार्थनगर के नौगढ़ विकासखंड में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। 17 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच मजदूरों के नाम पर ₹4,86,612 का फर्जी भुगतान किया गया। इस दौरान मस्टर रोल में कुल 1931 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई, जबकि मौके पर प्रतिदिन केवल 10 से 14 मजदूर ही काम कर रहे थे।

जांच में पता चला कि वास्तविक मजदूरी केवल 252 मजदूरों की बनती थी, जिसकी लागत लगभग ₹63,504 होती। इसके विपरीत, मस्टर रोल में 1931 मजदूरों को दिखाकर ₹4,86,612 का भुगतान दर्ज किया गया। इस संगठित फर्जीवाड़े में डीसी मनरेगा, बीडीओ नौगढ़, एपीओ मनरेगा और लोकपाल की मिलीभगत उजागर हुई है।

जगदीशपुर राजा गांव में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां ट्रैक्टर से किए गए काम को मजदूरों के नाम पर दर्शाया गया। मस्टर रोल में 521 मजदूरों की मजदूरी दर्ज की गई, जबकि कार्यस्थल पर कोई मजदूर मौजूद नहीं था। यह दर्शाता है कि मशीनरी से होने वाले कार्यों में भी फर्जी मजदूरों को दिखाया जा रहा था।

1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक भी यह अनियमितता जारी रही। इस अवधि में मौके पर 10 से 14 मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन मस्टर रोल में प्रतिदिन 80 से 92 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई। जिलाधिकारी के निर्देशों और लगातार मीडिया रिपोर्टों के बावजूद यह घोटाला जारी रहा।

जिलाधिकारी ने 30 नवंबर को जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी नौगढ़ ब्लॉक में भ्रष्टाचार और हेराफेरी में कोई कमी नहीं आई। फर्जी हाजिरी, मजदूरों की तस्वीरों का दुरुपयोग और मशीनरी से होने वाले कार्यों को मानवीय श्रम के रूप में दिखाना इस घोटाले की मुख्य पहचान बन गया है।

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