
गोविंदपुर : थाना क्षेत्र के बनिया विगहा गांव में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब गांव के वीर सपूत शशि भूषण सिंह बीएसएफ से सेवानिवृत्त होकर अपने पैतृक गांव लौटे. उनके स्वागत में ग्रामीणों ने तिरंगे के साथ ढोल-बाजे, फूलों की मालाएं और केक के साथ जोरदार अभिनंदन किया. शशि भूषण सिंह जैसे ही गांव पहुंचे उनके छोटे भाई पंकज कुमार के नेतृत्व में पहले से तैयार खड़े सैकड़ों ग्रामीणों ने उन्हें फूलों की माला पहनाई और ढोल-नगाड़ों एवं राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ पूरे गांव में जुलूस के रूप में घुमाया. यह दृश्य किसी त्योहार से कम नहीं था. गांव भ्रमण के बाद उनके घर के पास स्वागत समारोह आयोजित किया गया, जहां केक काटा गया. इस मौके पर उनके छोटे भाई पंकज कुमार, उनकी माता और पत्नी मौजूद थी. सेवा निवृत्त शशि भूषण सिंह ने बताया कि उनकी भर्ती बीएसएफ में 24 मार्च 1994 को हुई थी. इसके बाद वे 31 वर्ष, 2 माह और 8 दिन तक देश की सेवा में समर्पित रहे. 30 अप्रैल 2025 को वे पंजाब की सीमा पर तैनाती के दौरान सेवानिवृत्त हुए. गांववासियों ने उन्हें सिर्फ एक रिटायर्ड जवान नहीं, बल्कि गौरव, प्रेरणा और सम्मान का प्रतीक बताया. युवाओं में उन्हें देखकर देशसेवा का उत्साह देखा गया. यह आयोजन यह साबित करता है कि जब देश का कोई बेटा सरहद से लौटता है, तो उसका स्वागत सिर्फ घर नहीं, पूरा गांव करता है. गौरतलब हो शशि भूषण के पिता बाबूलाल सिंह भी फौज में थे और सेवानिवृत्ति के कुछ दिन बाद उनका स्वर्गवास हो गया.














