
बासुकीनाथ धाम में श्रावणी मेला के दौरान लाखों की संख्या में उमड़ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। विशेषकर शिवगंगा सरोवर में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए NDRF की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। NDRF की टीम मोटर बोट के माध्यम से शिवगंगा में लगातार गश्ती कर रही है और श्रद्धालुओं की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार रहती है।
हर दिन देर रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ शिवगंगा के आसपास जुटने लगती है। बाबा बासुकीनाथ पर जलार्पण करने से पहले श्रद्धालु शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं। यह धार्मिक परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें डुबकी को शुद्धि और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
NDRF के जवान प्रतिदिन पूरी सतर्कता के साथ शिवगंगा में मोटर बोट के माध्यम से निगरानी कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचाने के लिए लाइफ जैकेट, रस्सी, बचाव यंत्र आदि की भी व्यवस्था की गई है।
मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण करने के लिए आगे बढ़ते हैं। संपूर्ण रूट पर बैरिकेडिंग, सीसीटीवी निगरानी और वॉकी-टॉकी से लैस सुरक्षाकर्मी पूरी व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए हैं।
श्रद्धालुओं ने प्रशासन की इस मुस्तैदी की सराहना करते हुए कहा कि मेला में सुरक्षा और सुविधा दोनों का संतुलन दिखाई दे रहा है। शिवगंगा जैसे प्रमुख आस्था केंद्र पर NDRF की तैनाती से श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और सुरक्षा का भरोसा हो रहा है।
श्रावणी मेला के दौरान लाखों की संख्या में उमड़ते श्रद्धालुओं के बीच यह व्यवस्था न केवल सुरक्षा का उदाहरण है, बल्कि भक्ति और प्रशासनिक सजगता का सुंदर समन्वय भी प्रस्तुत करती है।