
राजधर साइडिंग के विस्थापितों की मांग पर सीसीएल प्रबंधन ने सकारात्मक पहल का लिया निर्णय।।
संवाददाता/राशीद अंसारी खलारी
खलारी। सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र अंतर्गत राजधर साइडिंग से प्रभावित एवं विस्थापित ग्रामीणों की लंबित मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के बाद प्रबंधन और रैयत विस्थापित मोर्चा (आरवीएम) के बीच शनिवार, को एक अहम बैठक हुई। महाप्रबंधक सभाकक्ष में हुई इस लंबी चर्चा के बाद सीसीएल प्रबंधन ने विस्थापितों की सात सूत्री मांगों पर सकारात्मक पहल करने का निर्णय लिया है। लगभग चार घंटे चली इस वार्ता में मुख्य रूप से रोजगार, निजी कंपनियों में विस्थापितों की बहाली, प्रदूषण नियंत्रण, तथा प्रभावित गांवों में बिजली, पानी, शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। रैयत विस्थापित मोर्चा ने बैठक से पहले महाप्रबंधक कार्यालय के सामने जोरदार नारेबाजी और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी एकजुटता और मांगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। वार्ता के दौरान, मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे रोजगार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे और निजी कंपनियों द्वारा विस्थापितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके जवाब में, सीसीएल प्रबंधन ने इन मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए जल्द ही समाधान निकालने का आश्वासन दिया। प्रमुख मांगें और चर्चा के मुद्दे: राजधर साइडिंग, कल्याणपुर कोल डंप, रिजेक्ट कोल डंप, और सोलर प्लांट जैसे क्षेत्रों में विस्थापितों को रोजगार देना। निजी कंपनियों में बहाली के समय विस्थापितों को प्राथमिकता देना। लंबित नौकरी और भूखंड का मुआवजा या उसके बदले एकमुश्त भुगतान। विस्थापित ग्रामीण क्षेत्रों (जैसे बहेरा, राजधर, कारो, किचटो, आदि) में बिजली, पानी, चिकित्सा और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास। खनन और लोडिंग कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर प्रभावी रोक। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक संजीव कुमार, एसओपी नागेश गोपाल, एरिया सिक्योरिटी ऑफिस हेमचंद महतो,साइडिंग मैनेजर मोहनलाल, पी.ओ सीएचपी/सीपीपी प्रवीण कुमार सिंह,एल एंड आर किसन अवस्थी एवं सिविल से आभास त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं, विस्थापितों का पक्ष रखने वालों में आरवीएम के केंद्रीय उपाध्यक्ष इकबाल हुसैन, सचिव रामचंद्र उरांव, अध्यक्ष बिगन सिंह भोक्ता, तथा एन के क्षेत्र आरवीएम के राम लखन भोक्ता, सरोज देवी, मधु लता देवी, पुनिया देवी, बीना देवी, मनीता कश्यप,विजय लाल, महेश प्रसाद, कामेश्वर राम ,हाजी परवेज आलम, हाजी जसीम, मोहम्मद असलम, रंथू गंझू,पंकज दास, शिवनारायण लोहरा, अनिल राम, मोहम्मद सैफुल्लाह,बिकास खलखो, प्रकाश महतो, देवनाथ महतो, अनिल ठाकुर, बाबूलाल राम,अनुप उरांव, वीरू मुंडा, राहुल राम, इंद्रजीत उरांव सहित दर्जनों प्रभावित ग्रामीण और नेता शामिल थे। प्रबंधन द्वारा सकारात्मक सहमति जताए जाने के बाद दोनों पक्षों ने इस बैठक को सफल बताया।