उत्तर प्रदेशसिद्धार्थनगर 

सिद्धार्थनगर में पराली जलाने पर सख्ती, डीएम की किसानों से अपील — दोहराव पर योजनाओं से वंचित किए जाएंगे किसान

जिलाधिकारी ने अधिकतम ₹30,000 जुर्माने और विभागीय लाभ बंद करने की दी चेतावनी

सिद्धार्थनगर।

जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने जनपद के किसानों से फसल अवशेष (पराली) न जलाने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पराली जलाने वालों पर अधिकतम ₹30,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, लगातार दो बार पराली जलाते पाए जाने पर किसानों को विभागीय योजनाओं के लाभ से वंचित भी किया जा सकता है।

 

जिलाधिकारी ने बताया कि पराली जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। फसल अवशेष जलाने से—

 

मिट्टी में कार्बन की मात्रा कम हो जाती है,

 

फसलें खाद और उर्वरकों का पूरा लाभ नहीं ले पातीं,

 

वायु प्रदूषण बढ़ता है,

 

सांस, दमा, एलर्जी और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

 

 

 

 

किसानों को वैज्ञानिक तरीकों अपनाने की सलाह

 

डीएम ने कहा कि पराली को जलाने के बजाय किसान निम्न कृषि यंत्रों का उपयोग करें—

 

मल्चर

 

हाइड्रोलिक एमबी प्लाऊ

 

रोटरी स्लेशर

 

जीरो सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल

 

सुपर सीडर

 

 

इन मशीनों की मदद से फसल अवशेष खेत में ही सड़कर उत्तम कार्बनिक खाद में बदल जाते हैं, जिससे मिट्टी अधिक उर्वर होती है।

 

 

 

जुर्माने की दरें — NGT के निर्देश अनुसार

 

दो एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाने पर: ₹5,000

 

दो से पाँच एकड़ में:

₹10,000

 

पाँच एकड़ से अधिक में: ₹30,000

 

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