Gyanvapi case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े केस में शुक्रवार को हिंदू पक्ष को झटका लगा. हिंदू पक्ष इस मामले में ASI के एडिशनल सर्वे की मांग कर रहा था. वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत ने हिंदू पक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया है. हालांकि हिंदू पक्ष अब इस मामले को हाई कोर्ट ले जाने की बात कर रहा है. आइए आपको विस्तार से इस मामले की जानकारी देते हैं
वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. हिंदू पक्ष के एक वकील ने यह जानकारी दी. हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले मदन मोहन यादव ने कहा कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) जुगल किशोर शंभू ने ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी.
जिला अदालत के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यह निर्धारित करने के लिए यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था कि क्या मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर के पहले से मौजूद ढांचे के ऊपर किया गया था. एएसआई ने 18 दिसंबर 2023 को एक सीलबंद लिफाफे में जिला अदालत को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी.
आपको बता दें कि हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दावा किए जाने के बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था कि क्या 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों के ऊपर किया गया था. इसके बाद भी हिंदू पक्ष एक एडिशनल सर्वे की मांग कर रहा था. नीचे दिए गए वीडियो में हिंदू पक्ष के वकील से ही जानिए कि आखिर इस लेटेस्ट फैसले में क्या हुआ है और अब वो आगे क्या करेंगे.
मुकदमे के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से की गई अतिरिक्त सर्वे की अपील पर अदालत ने आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एएसआई की ओर से पूर्व में किए गए सर्वे की रिपोर्ट की जांच के बाद ही कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
इसलिए सभी तथ्यों और परिस्थितियों, इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर विचार करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आराजी संख्या 9130 (ज्ञानवापी) के संबंध में एएसआई द्वारा दायर सर्वे रिपोर्ट की जांच अभी भी की जानी है।
ज्ञानवापी स्थित पानी टंकी (वुजूखाना) जिसमें शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, वह पूरा क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संरक्षित है। इसके अलावा, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने गैर-आक्रामक पद्धति का उपयोग करके सर्वेक्षण करने, उत्खनन तकनीक का उपयोग नहीं करने और वहां के निर्माण का कोई नुकसान नहीं करने का आदेश भी दिया है।
वादी ने अपने आवेदन में अतिरिक्त सर्वे के लिए कोई कारण का उल्लेख भी नहीं किया है। अदालत ने मुकदमे की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख दी है। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे।