जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर किरण आहूजा (प्रोजेक्ट मैनेजर PETA इंडिया) रायपुर से, एडवोकेट मीत आशर (सीनियर एडवोकेट व लीगल एडवाइजर PETA इंडिया) मुंबई से व मिस फरहत दिल्ली से PETA इंडिया की ओर से उपस्थित रहे । उन्होंने पशु क्रूरता से संबंधित कानूनों और उनके तहत पुलिस के द्वारा त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी।डॉ. किरण आहूजा ने बताया की बेजुबान जानवर भी हमारी सामाजिक और प्राकृतिक इको सिस्टम का अभिन्न हिस्सा है अतः उनका संरक्षण हमारा दायित्य है।
इस प्रशिक्षण सत्र में PETA (पीटा) इंडिया ने पुलिस कर्मियों को भारतीय पशु कल्याण कानून पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) और अन्य महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही, उन्होंने यह भी साझा किया कि किस तरह से पुलिस को पशु हिंसा और क्रूरता के मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने में मदद मिल सकती है। मनोविज्ञान और अपराधशास्त्र में किए गए शोध से पता चलता है कि जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर यहां नहीं रुकते – कई बार वे इंसानों को भी नुकसान पहुँचाते हैं।
फॉरेन्सिक रिसर्च और क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया, “जो लोग जानवरों के साथ क्रूरता करते हैं, वे अन्य अपराधों जैसे हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी, और नशे की लत में तीन गुना ज्यादा शामिल होते हैं।”
एडवोकेट मीत आशर ने कहा, ” पुलिस विभाग का सहयोग हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता के मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके। हम उम्मीद करते हैं कि इस प्रशिक्षण सत्र से पुलिस अधिकारियों को पशु अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे तेजी से और प्रभावी रूप से किसी भी क्रूरता के मामले में हस्तक्षेप कर सकेंगे।”डॉ किरण आहूजा बताती हैं कि PETA (पीटा) इंडिया की यह पहल पुलिस विभाग और समाज के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास है, ताकि राज्य में पशु अधिकारों का संरक्षण किया जा सके और क्रूरता के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में रेंज के सभी जिले बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, शक्ति, कोरबा, जांजगीर चंपा, सारंगढ़, गौरेला पेंड्रा मरवाही के लगभग 80 विवेचक उपस्थित हुए व इस कार्यशाला का लाभ लिया। यह एक इंटरएक्टिव कार्यशाला रही जिसमें विवेचकों ने प्रश्नों के माध्यम से अपने डाउट भी क्लियर किए।
अंत में एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया की ओर से पशु क्रूरता संबंधित कानून की बुकलेट का वितरण भी किया गया , जो की इनके क्रियान्वयन में अति लाभदायक होगा.
इस कार्य शाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय मधुलिका सिंह , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमती अर्चना झा,उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय बिलासपुर रश्मित कौर चावला व उप पुलिस अधीक्षक विकास पाटले,भी उपस्थित रहे.