संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई. जामा मस्जिद पर हिंसा की आग अभी पूरी तरह नहीं बुझी है. सियासत ने उसकी लौ को जिंदा रखा है. संभल हिंसा में पुलिस ही सवालों के घेरे में है. अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेता पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगा रहे हैं. पुलिस पर हिंसा भड़काने का आरोप है. भीड़ पर जानबूझकर गोली चलाने का आरोप है. मगर अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. संभल हिंसा का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे साफ पता चल रहा है कि आखिर असल में गोली चलाने वाला कौन है? संभल हिंसा के उस नकाबपोश की तस्वीर सामने आई है, जो सरेआम हाथ में तमंचे लेकर कानून को ठेंगा दिखा रहा है.
दरअसल, संभल में गोली चलाने वाली की तस्वीर सामने आई है. इसमें एक नकाबपोश उपद्रवी को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. चेहरे पर नकाब और बदन पर काले रंग का लिबास पहना यह उपद्रवी हाथ में बंदूक लेकर फायरिंग करता नजर आ रहा है. आसपास भीड़ मौजूद है, फिर भी यह उपद्रवी सरेआम पुलिस को आंख दिखा रहा है. गोली चलाता है. अब इस सीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है. इसके अलावा, कुछ सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवी सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते नजर आ रहे हैं.
संभल हिंसा का सच
जी हां, संभल हिंसा के सीसीटीवी वीडियो से दंगाइयों की साजिश बेनकाब होती नजर आ रही है. ये नकाबपोश उपद्रवी कार और सीसीटीवी तोड़ते दिखे. इतना ही नहीं, उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और फायरिंग भी. सीसीटीवी फुटेज से यह साफ होता है कि यह तस्वीर सुबह सवा नौ बजे के करीब की है. इसमें साफ दिख रहा है कि भीड़ में ही शामिल लोग असलहे 315 बोर के तमंचे लेकर आए थे. इतना ही नहीं, एफआईआर के मुताबिक, भीड़ में मौजूद उपद्रवियों ने एसआई का पिस्तौल छिनने की भी कोशिश की थी. यह तस्वीर उसकी तस्दीक करती है.
तस्वीर सबूत की ओर कर रही इशारा
उपद्रव की इस तस्वीर से साफ हो जाता है कि संभल हिंसा के पीछे कहीं न कहीं कोई बड़ी साजिश थी. भले ही अखिलेश यादव और इमरान मसूद जैसे विपक्षी नेता यह कहें कि चारों मृतकों की मौत पुलिस की गोली से हुई है. मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात साफ हो गया है कि इन सबकी मौत तमंचे से हुई है. ये सीसीटीवी फुटेज भी अब इस बात को चीख-चीखकर कह रहे हैं. हालांकि, यह नकाबपोश कौन है, इसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. संभल कांड में अब तक सात एफआईआर दर्ज है. 22 लोग नामजद हैं और 27 को गिरफ्तार किया गया है. अब तक 74 लोगों को चिन्हित भी किया जा चुका है.
संभल जिले में जामा मस्जिद हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई.
संभल हिंसा संयोग या प्रयोग
अब सवाल है कि आखिर किसके इशारा पर जला संभल, आखिर क्यों हुआ जमामा मस्जिद पर दंगल? यह महज संयोग था या प्रयोग? आखिर इसके पीछे किसकी साजिश? इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में पुलिस जुटी है. मगर अभी जो नई तस्वीर सामने आई है, उससे एक बात तो साफ हो गया है कि संभल हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी. वरना मस्जिद के सर्वे के दौरान पत्थर और तमंचे अचानक कहां से आ गए. संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान खूब पत्थर चले थे और गोलीबारी हुई थी. इसी में 4 लोगों की मौत हुई थी. फिलहाल, संभल में इंटरनेस सेवा बाधित है.
अब जान लीजिए किसने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने संभल हिंसा को सुनियोजित साजिश बताया है. साथ ही उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर संभल में 100 प्रतिशन झूठी थ्योरी का आरोप लगाय है. उन्होंने कहा कि लोगों को उकसाने के लिए पुलिस प्रोटेक्शन में लोगों को मस्जिद के अंदर भेजा गया था. वहीं, मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने संभल की घटना पर कहा, ‘प्रशासन जिम्मेदार है. संभल में लगातार झूठे मुकदमे दर्ज कर लोगों को परेशान किया जा रहा है, हमारे सांसद भी मौजूद नहीं थे, वे घटना के समय बेंगलुरु में थे, लेकिन उनका नाम भी शामिल कर दिया गया है..’ सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि संविधान दिवस समारोह में हम इसलिए नहीं गये क्योंकि हमारे प्रदेश में गंभीर घटना हुई है. सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने हत्याएं की हैं. लड़ाई किसी के भी बीच हो उसको रोकने का काम प्रशासन का होता है, लेकिन वो विफल ही नहीं हुए बल्कि उनका हाथ लगता है. हमारी डिमांड है कि जिसका भी इस घटना में हाथ हो उसके खिलाफ कार्रवाई हो. हम संसद में इस मुद्दे को उठाते रहेंगे