श्री गंगानगर राजस्थान की गंग नहर के किनारे हरे 1700 लगभग वृक्षों की कटाई का टेंडर दिया हुआ है ।जिसमे तीन सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी दी हुई है।इन कर्मचारियों में से एक कर्मचारी द्वारा हरो वृक्षों के कुतरे को अवैध रूप से बेचा जा रहा था ।जिसका पता चलने पर इसकी शिकायत डीएफओ साहब को करने पर सबसे पहले को उन्होंने ऐसी कोई जानकारी नहीं होने की बात कही ।उसी दौरान पांच मिनट बाद वॉट्सएप कोल करके शिकायत करता को साइड इंचार्ज सुमेर सिंह शेखावत को पाबंद करने की बात कहकर बात को शांत करने लगे।अब बात ये है कि यदि किसी कर्मचारी द्वारा लाखो का कुतरा बेचा गया तो उसकी जांच किए बिना पाबंद कर कुतरे बेच कर पैसों की रिकवरी क्यों नहीं की गई जिसके कारण आशंका जताई जा रही है कि इस अवैध कमाई का हिस्सा डिपार्टमेंट के ऊपर तक बांटता है ।दूसरा शक का मुख्य कारण शिकायत करता के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया गया यदि नंबर ब्लॉक किया तो भविष्य में शिकायत किस प्रकार की जाए ।इससे पूर्व साइड इंचार्ज सुमेर सिंह शेखावत द्वारा शिकायत करता को मिलजुल कर अवैध कमाई का हिस्सा देने की बात भी कही गई जो हमारे चैनल के रिपोर्टर के पास सुरक्षित है।इस प्रकार गंग नहर पर पिछले लंबे समय से अवैध कटाई करके वृक्षों को पंजाब से बरामद किया गया है।हमारे रिपोर्टर के पास इस अवैध खेल और सांठ गांठ का सारा वीडियो जिस भट्ठे पर बेचा गया और क्या रेट में बेचा गया सारा में स्ट्रिंग ऑपरेशन सुरक्षित है जिसको मुख्य वन संरक्षक अधिकारी को भेज कर इस अवैध वसूली में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कारवाही की शिकायत की जाए गई।
डीएफओ की भूमिका पर शक गहराने लगा……………….डीएफओ को शिकायत करने के बाद मामले को हल्के में लेते हुए ।साइड इंचार्ज को पाबंद करने की बात कही गई जबकि लाखो के कुतरे के अवैध रूप से बेचे जाने पर न तो मामले की जांच की गई न ही कोई रिकवरी की गई।और शिकायत करता के नंबर को ब्लॉक कर दिया गया जिसकी शिकायत मुख्य वन संरक्षक अधिकारी को की जाए गई।दूसरा मुख्य कारण जब की वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड होने के बावजूद भी फोर्थ ग्रेड कर्मचारी को साइड इंचार्ज लगाना वो भी उन कर्मचारियों को इनका एरिया भी यहां नहीं आता ।मतलब साफ है अपने चहीते कर्मचारियों को साइड इंचार्ज लगाया गया है ताकि अच्छी कमाई की जा सके ।और सरकार को चुना लगाया जा सके।
गंग नहर पर पिछले लंबे समय से वृक्षों को काटकर उनका लाखो का कुतरा बेचा जा चुका है और आज तक कोई कारवाही नहीं की गई तीन तीन कर्मचारी ड्यूटी पर होने पर भी लकड़ियों को पंजाब से बरामद करना मिलीभगत का ही संकेत है।कुतरे के साथ साथ जलाऊ और टिंबर का भी अवैध व्यापार हो रहा है।कई किसानों को सुवागे (लकड़ी के पट्ट )बेचे गया है।इन सब को वन संरक्षक अधिकारी को शिकायत दर्ज करवाया जाएगा और कारवाही की मांग की जाए गई।