दीक्षांत समारोह में छात्र से दुगना छात्राओं को महामहिम राज्यपाल ने दिया गोल्ड मेडल
आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह का गवाह पुराना परिसर बना। वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी में बुधवार को छठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है जहां राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पहुंचे। सबसे पहले वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति के द्वारा उनका स्वागत किया गया।जिसके बाद राज्यपाल को जन गण मन के धुन पर सुरक्षा बलों के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राज्यपाल एकेडमिक मार्च करते हुए मंच तक पहुंचे। जहां शुभम आजाद, श्रेयस भारद्वाज, ज्योति कुमारी, अंकिता कुमारी, डिप्टी कुमारी अंजली तिवारी के द्वारा राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। समारोह का उद्घाटन राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, वीकेएसयू के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव डॉ रण विजय सिन्हा, विभागाध्यक्ष डॉ लतिका वर्मा, प्राचार्य डॉ आभा सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया गया।
उसके बाद ज्योति कुमारी, प्राची प्रिया, सुहानी कुमारी, अंजली तिवारी, शुभम आजाद, श्रेयस भारद्वाज के द्वारा स्वागत गीत गाया गया। वहीं गीत समाप्त होने के बाद कुलाधिपति को भोजपुरी पेंटिंग देकर सम्मानित किया गया। समारोह में जगजीवन कॉलेज की प्राचार्य डॉ आभा सिंह के द्वारा कुलाधिपति को भोजपुरी पेंटिंग दिया गया। कुलसचिव डॉ रण विजय सिन्हा के द्वारा राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
राज्यपाल के द्वारा स्वर्ण जीतने वाले छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल और डिग्री देकर सम्मानित किया गया।कुलपति के द्वारा स्वर्ण पदक विजेताओं को शपथ ग्रहण कराया गया। इसमें चालीस विद्यार्थियों को डिग्री मिली। 225 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा 105 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इनमें छात्रों से दुगना छात्राए शामिल थी। कुल 65 छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला।
डिग्री और गोल्ड मेडल पाकर छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित दिखे और उनके चेहरे से खुशी साफ झलक रही थी।स्नाकोत्तर पीजी के सत्र 2016-18 में 14, 2017-19 में 10, 2018-20 में 14, 2019-21 में 11, 2020-22 में 19 और सत्र 2021-23 में 18 लड़कियों को गोल्ड मेडल मिला है।एमसीए के विभिन्न सत्रों में चार और एमएड में तीन और एमबीए में दो लड़कियां को गोल्ड मेडल मिला है। विज्ञान, कला, कामर्स, सांख्यिकी और सामाजिक विज्ञान में लड़कियां को गोल्ड मेडल मिला हैं।
*कॉलेजों में छात्र तो कहीं प्रोफेसर नहीं पहुंचे थे, जिसकी वजह से बिहार के छात्रों को बाहर जाना पड़ता है पढ़ने : राज्यपाल*
वहीं कार्यक्रम में पहुंचे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने संबोधन में कहा कि आज के 33 वर्षों के कार्यकाल में छठा दीक्षांत समारोह हो रहा है। मैं आपके कुलपति को बधाई देना चाहता हूं, आप सब के सहयोग से उन्होंने कार्यक्रम को पूरा किया है। जब मैंने यूनिवर्सिटी का अध्ययन करना शुरू किया तो केवल समस्या ही थी। वहीं अध्यापक नहीं आते थे, तो कहीं छात्र नहीं आते थे।उसके बाद समय पर रिजल्ट नहीं मिलता था। इस वजह से बिहार के छात्र बाहर जा कर पढ़ने लगे थे। कई जगहों पर एग्जाम होती ही नहीं थी। छात्रों का समय पर परीक्षा नहीं होता था।
छात्र मुंबई, बेंगलुरु तो और जगहों पर छात्र जाने लगे। जिसके बाद कुलपतियों के साथ मिलकर काम किया गया। जिसके बाद अब स्थिति सुधर रही है। इसको सुधारने का प्रयास हमलोग ने किया है। मुझे उस दिन का इंतजार है जब बिहार के छात्र बिहार में ही रह कर शिक्षा लेंगे और बाहर नहीं जाएंगे। उनको अगर समय पर परीक्षा नहीं होगा तो उनके समय पर रिजल्ट नहीं मिलेगा तो हम छात्रों से क्या अपेक्षा करेंगे। लेकिन अब बिहार बदल रहा है। लेकिन ये मेरी वजह से नहीं हुआ है। ये आप लोगों की वजह से पूरा हो पाया है। मैं जहां भी कार्यक्रम में जाता हूं तो मैं भी शिक्षा लेता हूं। एक रूप से देखेंगे तो आप लोगों की नई दिशा शुरू हुई है। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं उनको बधाईयां देता हूं मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि वे अपने चरित्र और कृत्यों से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की गरिमा को बनाए रखें। हमारे बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे वे नौकरी की तलाश करने के बजाए रोजगार प्रदाता बन सकें। अभिभावकों तथा विश्वविद्यालय एवं अन्य शिक्षण संस्थानों को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। उद्यमिता निर्माण हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार की कई योजनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उद्यमी बनने हेतु आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल का गठन किया जायेगा और इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और इसके लिए उन्हें आगामी वर्षों में कठिन परिश्रम करना होगा।
इस मौके पर राज्यपाल ने छात्र छात्राओं को कहा डिग्री प्राप्त करने की सार्थकता तभी है जब इसका लक्ष्य समाज के प्रति समर्पण हो। अन्यथा यह एक कागज का टुकड़ा मात्र है। उन्होंने कहा कि नौकरी की सोचने के बजाय उद्यम करने की सोचें, आप नौकरी देने वाले बनें और यह नौकरी पाने की अपेक्षा ज्यादा आसान है। सभी विवि में एक इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट व इंक्यूबेशन सेंटर होना चाहिए। मैं विद्यार्थियों से बातचीत करता रहता हूं उनके बीच रहना मुझे अच्छा लगता है। आपके बिना विवि चल ही नहीं सकता है। शिक्षा सिर्फ किताबों में नहीं होती हर व्यक्ति में होती जिससे आप मिलते हैं। हमें शिक्षा देने के लिए परिवार और समाज तत्पर रहता है। इसलिए आप भी अपनी शिक्षा को उन्हें समर्पित करें। जीवन में ऐसा एक लक्ष्य का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आप एक ऐसे विवि के छात्र-छात्राएं हैं जिसका इतिहास बहुत समृद्ध है।
*विवि का सत्र नियमित हो हमारी प्रथम प्राथमिकता थी : कुलपति*
*कुलपति ने डिग्री प्राप्त किये हुए सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाई की वो इसकी गरिमा को बनाए रखेंगे*
वीकेएसयू के कुलपति ने कहा कि आज तक जितनी भी लंबित डिग्री है सभी को दिया जाएगा उनका संकल्प एवम प्राथमिकता था कि विलंबित सत्र को पहले सही एवम सुचारू रूप से ठीक किया जाए अब विवि पूरी तरह ट्रैक पर आ चुकी है सभी सत्र नियमित अप टू डेट हो चुके हैं आने वाले विवी प्रशासन को ये विधिवत मिलेगी अब जितने भी छात्र छात्राए होंगी उनको सही समय पर डिग्री मिल जायेंगी। उन्होंने कहा कि वैसे 70 हजार विद्यार्थी थे जिनके पास मूल प्रमाण पत्र नहीं था उनको अब डिग्री मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि वीकेएसयू के पास एक लाख चालीस हजार सामर्थ्य है लेकिन प्रति वर्ष केवल साठ सत्तर हजार ही विद्यार्थियों का नामांकन होता है जो कि सत्र नियमित होने से अब प्रति वर्ष एक लाख से ऊपर का नामांकन संभव होगा उन्होंने इसके लिए विवी प्रशासन तथा मीडिया बंधु का भी सहयोग बताया जो समय पर उनको द्वारा प्रतिबद्ध कार्य को याद दिलाते रहे सभी को उन्होंने धन्यवाद किया।
कुलसचिव डॉ रण विजय सिन्हा ने समारोह में भारतीय भाषा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपनी भारतीय भाषा में शिक्षा का होना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपनी भाषाओं का महत्व दिया गया है। शिक्षा में श्रद्धा का निर्माण होना चाहिए। शिक्षकों का सम्मान पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए। छात्रों को भारतीय धर्म और सभ्यता के अनुसार कार्य करना चाहिए। नए तकनीक का उपयोग करना चाहिए। डिजिटल टेक्नोलॉजी की जानकारी होनी चाहिए। आज के समय में किसी को टेक्नोलॉजी और नवाचार से दूर नहीं रखा जा सकता है। समस्या का समाधान ढूंढ़ने वाले बनाना चाहिए। हर समस्या का समाधान होता है। बशर्ते इच्छा शक्ति होनी चाहिए।