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तिरुपति मंदिर भगदड़ में 8 लोगों की गई जान, इन मौतों का असली गुनहगार कौन?

तिरुपति मंदिर में व्यवस्था बिगड़ने के बाद भगदड़ मच गई. भगदड़ में करीब 43 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए हैं, वहीं, 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है. टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा कि तिरुपति मंदिर में हुई भगदड़ के पीछे अधिकारियों की लापरवाही थी.

तिरुपति:- तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) ने संक्रांति के मौके पर देशभर से बैकुंठ दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी व्यवस्था की है. हालांकि, भक्तों को टोकन जारी करने वाले केंद्रों में प्रवेश की अनुमति देते समय पुलिस और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी थी. बुधवार को घंटों से इंतजार कर रहे श्रद्धालु पट खुलते ही भाग खड़े हुए और भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 48 लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार रात अचानक से भगदड़ मच गई. भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई है, जबिक 48 लोग घायल हो गए हैं. मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त एकादशी पर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान दर्शन करने के लिए भक्त टोकन ले रहे थे. देखते ही देखते ही भीड़ बेकाबू हो गई और फिर भगदड़ मच गई. भगदड़ में बहुत सारे लोग नीचे गिरकर दब गए और फिर कभी खड़े नहीं हो पाए. घटना के बाद मौके पर पहुंचा भारी पुलिस बल आनन-फानन में घायल लोगों और मृतकों के लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद 8 लोगों को मृत घोषित कर दिया.

तिरुपति में बुधवार को हुई भीषण भगदड़ में जीवित बचे लोग जब इस भयावह मंजर को याद कर इसका जिक्र करते हैं तो उनकी आंखों में घटना का खौफ साफ नजर आता है। घटना में जीवित बची एक पीड़ित ने कहा कि पांच मिनट तक उन्हें ऐसा लगा मानो अब जिंदा नहीं बचेंगे। कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाली तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। श्रद्धालुओं की शिकायतों में वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट पाने के लिए घंटों इंतजार करने से लेकर अचानक द्वार खुलने के कारण भीड़ के आगे बढ़ने तक शामिल थी।
ऐसा लगा अब जिंदा नहीं बचेंगे : डी. वेंकट लक्ष्मी ने बुधवार रात एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा कि पांच मिनट के लिए तो ऐसा लगा कि मानो हम सब जिंदा नहीं बचेंगे। मैं पिछले 25 वर्षों से मंदिर में आ रही हूं और ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि छह लड़कों ने उन्हें एक तरफ खींचा और पीने के लिए पानी दिया। लक्ष्मी के अनुसार, लोग आगे बढ़े और जहां वह खड़ी थीं वहां बहुत से लोग गिर पड़े।

उन्होंने कहा कि मैं शोर मचा रही थी कि मैं एक तरफ गिर रही हूं, लेकिन लोग पीछे से दौड़ रहे थे और उन्हें काबू में नहीं किया जा सका। मुझे नहीं पता कि वे आगे बढ़ रहे थे या नहीं, लेकिन वे लोग बेकाबू हो गए थे। लोग श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजर रहे थे। मैं काफी देर तक सांस भी नहीं ले पाई।

इस घटना को टाला जा सकता था : उन्होंने कहा कि इसके अलावा कि अगर पुलिस ने श्रद्धालुओं को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने दिया होता तो इस घटना को टाला जा सकता था। उन्होंने कहा कि लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है। एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे आई थीं और शाम सात बजे द्वार खोला गया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने श्रद्धालुओं से कहा कि वे जल्दबाजी न करें और कतार में लगें, लेकिन कौन सुनता है? पुलिस बाहर थी, अंदर नहीं।

पुलिस ने खोला अचानक गेट : एक पुरुष श्रद्धालु ने जोर देकर कहा कि पुलिस को 5000 श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बारे में बताया गया था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने अचानक गेट खोल दिया, जिसके कारण भगदड़ मच गई। भगदड़ पर दुख और शोक व्यक्त करते हुए वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और सरकार से घायलों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

उन्होंने हादसे में लोगों की जान जाने को अत्यंत दुखद बताया तथा घटनास्थल पर व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल एवं त्वरित कदम उठाने का आह्वान किया। पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में रेड्डी ने अस्पतालों में इलाज करा रहे घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

श्रद्धालु का तबियत बिगड़ने पर खोला था गेट
घटना को लेकर दावा किया जा रहा है कि बैरागीपट्टेड में बैरिकेड्स की कमी के कारण भगदड़ मची. टीटीडी के स्वीकृत बैकुंठ द्वार दर्शन के टिकटों के लिए बुधवार सुबह भक्तों की भीड़ बैरागीपट्टेडा केंद्र में उमड़ पड़ी. इसके साथ ही जब तक पुलिस ने टोकन जारी करना शुरू नहीं किया, तब तक श्रद्धालुओं को बगल के पद्मावती पार्क में भेज दिया गया. इसी क्रम में रात में एक श्रद्धालु की तबीयत खराब होने पर डीएसपी रमणकुमार ने उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए गेट खोला.

पुलिस ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट
नतीजा यह हुआ कि श्रद्धालु वहां यह कहते हुए पहुंच गए कि श्रद्धालुओं को अंदर भेजा जा रहा है. हालांकि, बताया जाता है कि डीएसपी श्रद्धालुओं को यह बताने में असफल रहे कि गेट क्यों खोला गया है. भगदड़ की घटना को लेकर अधिकारियों ने सीएम चंद्रबाबू को रिपोर्ट दी. डीएसपी रमणकुमार ने रिपोर्ट दी कि भगदड़ हुई है. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्बुलेंस ड्राइवर भी समय पर नहीं पहुंचे थे.

पीड़ित परिवार को दी जाएगी सहायता
टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा कि तिरुपति भगदड़ के पीछे अधिकारियों की विफलता थी. टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने रुया और स्विम्स में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात की है. साथ ही उन्होंने अस्पताल प्रशासन को बेहतर इलाज करने के दिशा-निर्देश दिये हैं. टीटीडी अध्यक्ष ने कहा कि भगदड़ की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी और आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को सहायता दी जाएगी. टीटीडी अध्यक्ष ने कहा कि घायलों से मिलने के बाद सीएम चंद्रबाबू मृतकों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करेंगे.

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Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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