पटना में महात्मा गांधी की स्मृतियों को संग्रहित करने वाला बापू टावर बनकर तैयार हो गया है l 4 फरवरी को प्रधानमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे। बापू टावर का क्षेत्रफल सात एकड़ है। 10503 वर्गमीटर का टावर बनाया गया है।बापू टावर में भारतीय इतिहास और महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान से जुड़ी स्मृतियाँ सुरक्षित हैं। यह टावर विद्यार्थियों और आधुनिक भारत के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। क्योंकि इसमें क्रमवध घटनाएं दिखाई देती हैं गर्दनीबाग में टावर भवन निर्माण विभाग ने इसे बनाया है। चार फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बापू टावर का उद्घाटन करेंगे। शुक्रवार सीएम नीतीश कुमार ने आज 129 करोड़ की लागत से बने बापू टावर का उद्घाटन किया। भवन निर्माण विभाग ने गर्दनीबाग में बापू टावर बनाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बापू टावर का निरीक्षण भी किया। टावर का परिसर सात एकड़ में हैको, प्रमंडलीय आयुक्त सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने निरीक्षण किया।
बापू टावर का क्षेत्रफल सात एकड़ है। 10 503 वर्गमीटर में टावर बनाया गया है। परियोजना का उद्घाटन दो अक्टूबर 2018, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। यहां महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, उनके विचारों, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार के प्रति उनके लगाव और राज्य सरकार द्वारा उनके आदर्शों को आम लोगों में स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों के अलावा बहुत कुछ दिखाया जाएगा।
बापू टावर में बापू के आदर्शों को आम लोगों में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का प्रदर्शन करने के लिए दीर्घा, अनुसंधान केंद्र, आगंतुक सुविधाएं, ओरिएंटेशन हॉल और प्रतीक्षा कक्ष हैं। भू-तल पर छह सौ लोगों के लिए ओरिएंटेशन हॉल है। रैम्प पंचम तल से भूतल की ओर जाता है। रैम्प-1 में गांधीजी का बिहार आगमन, चंपारण सत्याग्रह और बिहार में सामाजिक विकास के प्रयास दिखाए गए हैं। रैम्प-2 में द्वितीय विश्वयुद्ध और इसका भारतवर्ष पर असर, बिहार छोड़ो आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन और अन्य मुद्दे दिखाए गए हैं।
1946 के चुनाव, अंतरिम सरकार, कलकत्ता की अशांति और बिहार में गांधी जी के कामों को दिखाया गया है। रैम्प-4 में बिहार की यात्रा, प्रार्थना सभा, लॉर्ड माउंटबेटन से मुलाकात, कश्मीर और कलकत्ता यात्रा आदि दिखाए जाएंगे। 228 वाहनों को दर्शकों या पर्यटकों के लिए पार्क किया जाएगा। भूतल पर आयताकार भवन का शंकु आकार का आगंतुक लॉबी है। प्रत्येक तल पर दोनों इमारतों को जोड़ने वाला रास्ता है।
दो भवनों को जोड़ने वाली सड़क के दोनों ओर द्वितीय तल पर खुली छत होगी। 100 केवीपी क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया जाएगा। परिसर में विभिन्न वाटिका, पैदल यात्रा, वाहन पार्किंग और छह बस, 87 कार और 135 दो पहिया वाहन के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। टिकट घर भी बनाया गया है।
Mithun Kumar
Purnia