
*जंगल में अवैध काटे जा रहे सागौन पेड़ वन रक्षक सुस्त**
डीएफओ साहब और जिम्मेदार अधिकारी चल रहे चिटी की चाल,डीएफओ के संरक्षण में रेंजर्स के हौसले बुलंद जंगल मे हो रही हरे भरे सागौन के पेड़ो की अंधा धुंध कटाई , सीसी एफ साहब बेखबर।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के सारनी वन रेंज के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ जंगलों की अवैध कटाई की जा रही है। जिससे जंगल में दिन प्रतिदिन बड़े पैमाने पर हरे भरे सागौन के पेड़ो को वन माफिया के द्वारा काटा जा रहा है।
शहर के नजदीक में भी nhi बचा पा रहे पेड़ो को कटने से,
जंगल को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जंगल में वन माफियों का जंगलराज चल रहा है जंगल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मी से लेकर परिक्षेत्र अधिकारी तक सुरक्षा के नाम पर खाना पूर्ति करते है । इसके बावजूद आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए है और सीसीएफ के न होने से सतपुड़ा की वादियां कहा जाने वाला सारणी वीरान होते जा रहा है और बेधड़क वन माफिया हरे भरे सागौन के पेड़ो पर आरे चलाकर सक्रिय है।
दो दशक पूर्व सारनी रेंज के अंतर्गत आने वाले जंगल काफी हरे-भरे हुआ करते थे, लेकिन जंगल के रक्षक ही भक्षक बन बैठे है इसी के चलते जंगल अब खत्म हो रहे है। सारनी परिक्षेत्र के जंंगलो से सागौन सहित अन्य पेड़ों की कटाई दिन प्रतिदिन की जा रही है। बे रोक-टोक कटाई के चलते वन माफिया जंगलों में लगातार सक्रिय बने हुए हैं।
जबकि सारनी रेंज की सर्किल में सागौन के पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। बैतूल जिले का सागौन पूरे देश मे फर्नीचर के लिए नंबर 1 माना जाता है इसी के चलते वन माफिया सागौन के पेड़ों की कटाई जोर शोर से कर रहे है।
ग्रामीणों की मानें तो वन परिक्षेत्र अधिकारी के संरक्षण में वन माफिया पनप रहे हैं। और खुलेआम जंगल में पेड़ों की कटाई हो रही है । जबकि पूर्व में सूचना देने के बाद भी पीओआर की कार्यवाही नही की गई ।
बता दें कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा तमाम मुहिम चलाई जा रही हैं वनों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए तमाम संस्थाएं काम कर रही हैं। वहीं हर वर्ष पौधारोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे जाते हैं।
लेकिन सारनी वन परिक्षेत्र के जंगलों में पेड़ पौधों की देखरेख और सुरक्षा को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जबकि जंगलों में खड़े पेड़ों की देखरेख वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा कर्तव्य निष्ठा के साथ की जाए त़ो वनों को बचाने में काफी हद तक कामयाबी मिल सकती है।
खबर चलने के बाद क्या उत्तर वन मंडल अधिकारी जांच कर कार्यवाही करेंगे या मामले को रफा दफा करते नजर आएंगे ।
इनका कहना है
कई सालों से फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी एक ही जगह जमे हुए हैं जिसकी वजह से वन माफिया से साठघाट कर ये काम किया जा रहा
आदिल खान पर्यावरण इनवॉरमेन्ट,
इनका कहना है
रेंजर को बता दिया गया है कल परसों में खुद भी आकर जांच करवाई जाएंगी।
एसडीओ
इनका कहना है
हम चेक करवाते है
वन विभाग डीएफओ