उत्तर प्रदेशझांसी

तुम्हें जानना था तुमसे बातें करनी थीं तुम जब भी सामने आते थे तुम्हारा स्नेह और सम्मान से परिपूर्ण चेहरा मुझे एहसास करा जाता था कि तुम मेरे अपने

तुम्हें जानना था तुमसे बातें करनी थीं तुम जब भी सामने आते थे तुम्हारा स्नेह और सम्मान से परिपूर्ण चेहरा मुझे एहसास करा जाता था कि तुम मेरे अपने

ईश्वर तूने बहुत गलत समय चुना मेरे भाई को बुलाने का अभी इसकी जरूरत थी बहुत जरूरत, जरूरत थी इसके आठ नौ महीने के बच्चे को, जरूरत थी इसकी प्यारी सी तीन साल की बिटिया को, जरूरत थी इसके माँ,पिता और इन दो बच्चों की माँ को।

लेकिन यह जो मौत है यह प्राकृतिक नहीं है यह मौत है चिकित्सकों और आज के अंधे मेडिकल सिस्टम की बजह से।

इसलिए बाजार बन चुके चिकित्सको तुम्हें इसकी सजा कोई न कोई जरूर देगा बस उस सजा से आशीष की जिंदगी बापिस न आएगी।

ॐ शान्ति

FacebookMastodonEmailWhatsAppLinkedInTwitterXTelegram
Back to top button
error: Content is protected !!