
बस्ती – मुकदमों के निस्तारण की मानीटरिंग सीएम-डैशबोर्ड के माध्यम से प्रतिदिन शासन स्तर पर की जा रही है। उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने सभी अभियोजन अधिकारियों तथा डीजीसी को निर्देशित किया है कि प्रतिदिन मुकदमों की स्थिति सीएम-डैशबोर्ड पर अपलोड करायें। उन्होने बताया कि इसमें पाक्सों, एस.सी.एस.टी, गुण्डा एक्ट, जिलाबदर, गवाहों की उपस्थिति, उनका परीक्षण आदि अपलोड करना अनिवार्य है।
उन्होने कहा कि हम सभी यहॉ पर जनता के हित में कार्य करने के लिए तैनात किए गये है। हमें अधिक से अधिक जनता के हितों के अनुरूप कार्य करना होगा। मुकदमों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए उन्होने संतोष व्यक्त किया कि जमानत के 33 मामले प्रस्तुत हुए तथा सभी खारिज हुए। उन्होने कहा कि स्टेट के विरूद्ध निर्णय होने पर अपील दायर करना सुनिश्चित करें। साथ ही अधिक से अधिक मामलों में विशेष रूप से महिला एवं बाल उत्पीडन के मामलों में दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना सुनिश्चित करें।
उन्होने कहा कि जेल के निरीक्षण के दौरान कुछ मामलों में कोर्ट द्वारा रीहा करने के आदेश दिये गये है परन्तु जमानतराशि की व्यवस्था ना होने के कारण वे रीहा नही हो पा रहे है। इसके लिए उन्होने 20 हजार रूपये की व्यवस्था किया है। कार्यवाही में तेजी लाकर उन्हें रीहा करायें। उन्होने कहा कि जेल निरीक्षण में उन्होेने पाया कि तीन कैदी अशक्त हालत में पड़े है, जो बिना हेल्पर के उठ-बैठ भी नही सकते, उन्हें पेरोल पर रीहा करने के लिए जेल अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होने कहा कि इन तीनों कैदियों की मर्शी अपील तैयार कराकर महामहिम राज्यपाल को भिजवायें।
बैठक में एडीएम कमलेश चन्द्र, सीआरओ संजीव ओझा, एसीएमओ डा. ए.के. गुप्ता, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार त्रिपाठी, डीजीसी परिपूर्णानन्द पाण्डेय, प्रदीप कुमार पाण्डेय, अजय कुमार शुक्ल सहित अभियोजन अधिकारी तथा डीजीसी एवं सहायक डीजीसी उपस्थित रहें।
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