
आदित्यपुर, इमली चौक के पास, AIUTUC (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर) के बैनर तले श्रमिक वर्ग के हितों की रक्षा और उनकी न्यायसंगत मांगों को लेकर एक महत्वपूर्ण आह्वान किया गया। इस कार्यक्रम में युवा बेरोजगारों को नियमित रोजगार देने, सार्वजनिक और सरकारी उद्योगों के निजीकरण पर रोक लगाने, और नियमितीकरण की प्रक्रिया को समाप्त करने जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया गया।
मुख्य मांगे:
- युवाओं को नियमित रोजगार दिया जाए।
- सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण रोका जाए।
- एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) एवं यूपीएस (यूनिवर्सल पेंशन स्कीम) को रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।
- प्रतिदिन कार्य के 8 घंटे के नियम को बहाल रखा जाए और 12 घंटे करने का प्रस्ताव रद्द किया जाए।
- झारखंड तथा स्थानीय स्तर की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जाए।
AIUTUC
का कहना है कि 1990 के बाद से निजीकरण, भूमंडलीकरण और उदारीकरण की नीतियों के कारण देश में आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ी है। इससे केवल बड़े पूंजीपतियों, कॉर्पोरेट घरानों, व्यापारियों, उच्च प्रशासनिक अधिकारियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की संपत्ति और सुविधाओं में इजाफा हुआ है, जबकि 90% मजदूर, किसान, आम जनता, युवा और छात्र आर्थिक बदहाली की ओर बढ़ रहे हैं।
श्रमिक आंदोलन की जरूरत पर जोर
आंदोलन में वक्ताओं ने कहा कि मजदूर वर्ग की मांगों को हासिल करने के लिए ठोस समझ विकसित करना और शक्तिशाली श्रमिक आंदोलन का निर्माण करना जरूरी है, ताकि सरकार इन मांगों को मानने के लिए बाध्य हो जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिक वर्ग के क्रांतिकारी आंदोलन की शिक्षाएं आज भी मार्गदर्शक बनी हुई हैं।

इस अवसर पर AIUTUC झारखंड प्रभारी लिली दास एवं विष्णु गिरी सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में AIUTUC की ओर से एक मांग पत्र भी जारी किया गया, जिसमें सभी प्रमुख मांगों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
संघर्ष समिति के निर्माण और आगे की रणनीति को लेकर सभी से एकजुट होने की अपील की गई, ताकि श्रमिक वर्ग के अधिकारों की रक्षा की जा सके।