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ग्रीष्मकाल में हर साल 40 परिवार करते हैं महानदी में खेती

ग्रीष्मकाल में हर साल 40 परिवार करते हैं महानदी में खेती

महासमुंद। आसन्न ग्रीष्मकाल के लिए रसीले फल खरबूज-तरबूज, ककड़ी और साग-सब्जी के लिए महानदी पर खेती का कार्य शुरू हो गया है। किसानों ने रेत पर क्यारियां तैयार कर बीजारोपण किया था जो अब पौधे का रूप ले चुके हंै।
बता दें कि महानदी पर हर साल करीब 10 एकड़ में आस-पास गांव के भूमिहीन किसान तरबूज-खरबूज और ककड़ी की फसल लेते हैं। किसानों ने बताया कि खेती की तैयारी के लिए अक्टूबर के बाद पानी का बहाव जब कम होता है तब उस बहाव को किनारे में मोड़ देते हैं।
बाद बीच के हिस्से को फसल लगाने तैयार किया जाता है। सफाई के बाद गोबर खाद मिलाना फिर उसे जानवरों से बचाने घेरा लगाया जाता है। नवंबर के पहले हफ्ते किसान परिवार समेत झोपड़ी बनाकर रहना शुरू कर देते हैं। जनवरी माह से यहां वे क्यारियां तैयार करते हैं और बीजारोपण करते हैं। रेत में नमी होने से उन्हें पानी की आवश्यकता कम पड़ती है। करीब एक माह के अंदर पौधे तैयार होते हैं और उनमें फल आना शुरू हो जाता है जिसकी बिक्री मार्च माह से शुरू हो जाती है। खेती को लेकर वे पिछले पखवाड़ेभर से यहां परिवार सहित जुटे हैं। बता दें कि महानदी में वर्षों से घोड़ारी, बरबसपुर, मुढ़ैना, पारागांव सहित 10 गांवों के करीब 40 किसान परिवार यहां 50 सालों से खेती करते आ रहे हैं।

तरबूज-खरबूज के लिए प्रसिद्ध है महानदी

महानदी पर होने वाली खेती प्रसिद्ध है। किसानों ने बताया कि यहां पुल के दोनों ओर सभी किसान मिलकर खेती करते हैं। सर्वाधिक रुप से महानदी में तरबूज-तरबूज खीरा-ककड़ी की खेती होती है। इसके साथ वे इसमें साग-सब्जी में टमाटर, करेला, भिंडी, धनिया आदि की फसल लेते हैं। फसलों को पुल किनारे पसरा लगाकर बेचने के साथ ही रायपुर में थोक व्यापारियों को बेचते हैं, जिससे उनकी चार माह आमदनी होती है।

विदेशों में जाती है यहां की फसल

यहां की खरबूज-तरबूज की मांग छग के अलावा महाराष्ट, दिल्ली के अलावा यहाँ उपजे रसीले तरबूज दुबई में पसंद किए जाते हैं। रायपुर के बड़े व्यापारियों द्वारा थोक में फसल खरीदकर विदेशों में निर्यात किया जाता है। सर्वाधिक मांग तरबूज की रहती है। गर्मी में इस रसीले फल की सबसे अधिक मांग रहती है। महानदी के अलावा इसकी खेती जिले से होकर गुजरी जोंक नदी पर भी होती है। ओड़िशा प्रांत में भी इसकी खेती वर्षों से हो रही है।

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