गढ़वाझारखंड

दिव्यांग घर के अभाव में ट्रिपाल लगाकर रहने पर मजबुर

मझिआंव : प्रखंड क्षेत्र के तलसबरिया पंचायत स्थित घुरुआ गांव निवासी लालदेव विश्वकर्मा के दिव्यांग पुत्र उमेश विश्वकर्मा अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ गिरे हुए कच्चे जर्जर मकान में तिरपाल के नीचे जिन्दगी गुजारने पर विवश हैं। उनका कहना है कि दो तीन वर्ष पहले ही उनका मिट्टी का जर्जर खपड़ैल मकान का आधा हिस्सा गिर चुका है और आधे हिस्से में गिरने की स्थिति में है,और वे अपने परिवार व बच्चों के साथ गिर चुके खपड़ैल छत पर बांस डालकर तिरपाल ओढ़ाकर रह रहे हैं। वह भी कभी भी ध्वस्त हो सकता है।उमेश विश्वकर्मा ने बताया कि वर्ष2022 में पंचायत में हुए आम सभा में उन लोगों ने पीएम आवास के लिए आवेदन दिया था इसके बाद प्रखंड कार्यालय से कोई जिओ टैग करने आया था,और पांच सौ रुपये मांग रहा था उस समय मेरे घर में एक रुपया भी नही था,जब मेरी पत्नी ने कहा कि जुगाड़ कर दे देंगे तो वह नही माना और बिना जिओ टैग किये ही चला गया। इसके बाद 18दिसम्बर2023 को तलसबरीया पंचायत में लगे जनता दरबार में भी हमने आवेदन फार्म दिया था ,लेकिन अबुआ आवास की सूची में मेरा नाम नही है।उसने कहा कि सूची में नाम नही आने पर वह पुनः6 फरवरी को प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दिया,बलौक में जाकर दिया, और आवास दिलाने की मांग की, इसके बाद भी मेरी बात नही सुनी गई।उसने कहा कि कुछ रुपया जुगाड़ करने के बाद वह अपने परिवार के साथ उपायुक्त गढ़़वा के कार्यालय में जाकर आवास दिलाने की गुहार लगायेंगे।वह एक पैर से बुरी तरह विकलांग है तथा 15 दिन पूर्व उसकी 7 वर्षीय पुत्री की भी बीमारी से मृत्यु हो गई, जिसे ग्रामीणों के द्वारा चंदा इकट्ठा कर ईलाज कराया था ,फिर भी नहीं बचाया जग सका पैसे के अभाव में उसकी मौत हो गई। इस संबंध में बीडीओ शतीश भगत ने बताया कि आवेदन मिला है ,घर बिहिन उमेश विश्वकर्मा को अवश्य मिलेगा ।

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