
बलौदाबाजार जिले में नाबालिग बालक-बालिका का बाल विवाह करवाने की सूचना पर बलौदाबाजार जिला प्रशासन हरकत में आया। महिला बाल विकास की टीम ने मौके पर जाकर बाल विवाह को रुकवाया। समझाईश पर बालिका के माता-पिता और गांव वालों ने सहमति दी और नाबालिग का विवाह रोका गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी टिक्वेन्द्र जाटवर ने बताया कि जिले के करहीबाजार चौकी क्षेत्र के एक गांव में 12 वर्ष की बालिका का बाल विवाह बिलासपुर निवासी 19 वर्षीय नाबालिग बालक से करवाया जा रहा था। 1098 चाइल्ड लाइन पर सूचना मिलने पर कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर फौरन महिला व बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण
इकाई, चाईल्ड लाइन और करहीबाजार चौकी पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर दबिश दी। बालिका व बालक के बालिग होने संबंधित जन्मतिथि हेतु मार्कशीट देखी गई, जिससे बालिका की उम्र महज 12 वर्ष मिली वही बालक की उम्र 19 वर्ष पाया गया। महिला बाल विकास की टीम द्वारा परिजनों को समझाइश भी दी गई कि बालिका की आयु 18 साल व बालक की आयु 21 साल पूरी होने पर ही विवाह किया जा सकता है। साथ ही परिजनों से घोषणा पत्र भी भरवाया गया है। टीम ने परिजनों को बताया कि बाल विवाह कराया जाना और करना दोनों ही कानूनन अपराध हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई।