
समीर वानखेड़े:
डिजिटल गोपनीयता विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया पर इस ‘घिबली’ के बारे में चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओपन एआई इस ‘घिबली’ ट्रेंड के जरिए एआई प्रशिक्षण के लिए लाखों लोगों की निजी तस्वीरें एकत्र कर सकता है। हालांकि वर्तमान में कई लोग इस प्रवृत्ति का आनंद ले रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि यह भविष्य में एक बड़ी डिजिटल सुरक्षा समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि कई लोग अपने कार्टून जैसी उपस्थिति देखने की उम्मीद में अपने चेहरे का डेटा ओपन एआई को सौंप रहे हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से बनाई गई इन तस्वीरों का स्वामित्व इन कंपनियों के पास होगा। इसलिए, भविष्य में कार्टूनिस्टों या कलाकारों के सामने यह प्रश्न आ सकता है कि वे जीविका के लिए क्या करें। ये कंपनियां इस नए ट्रेंड के जरिए अपलोड की गई तस्वीरों का सीधे इस्तेमाल कर सकेंगी। इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों के उपयोग के कारण कंपनियों के कानूनी परेशानी में फंसने की संभावना बहुत कम मानी जाती है।
जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) ने दुनिया भर में एआई पर अपलोड की जाने वाली सामग्री के संबंध में कुछ सामान्य नियम बनाए हैं। अनुच्छेद 6.1A के अनुसार, यदि लोग स्वयं AI पर फ़ोटो अपलोड करते हैं, तो वे इस माध्यम को इन फ़ोटो का उपयोग करने का अधिकार देते हैं। इसलिए, यह कहना सुरक्षित है कि ऐसी तस्वीरों का उपयोग करने का कानूनी अधिकार ओपनएआई को तभी हस्तांतरित होता है जब उपयोगकर्ता फोटो अपलोड करता है। टेक एंड प्राइवेसी एकेडमी और एआई की सह-संस्थापक लुईसा ज़ालोव्स्की ने अपने पिछले पोस्ट में इस बारे में विस्तार से लिखा है।
OpenAI का उपयोग करके फ़ोटो अपलोड करते समय दी गई अनुमतियाँ। अपनी पोस्ट में लुइज़ा ने बताया कि नियम व शर्तों के अनुसार कंपनी उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना उनके द्वारा अपलोड की गई तस्वीरें और निजी डेटा एकत्र कर सकती है। ओपनएआई लुइसा द्वारा ‘घिबली’ के माध्यम से अपलोड की गई तस्वीरों में निजी जानकारी और फोटो तक आसानी से पहुंच सकता है। साथ ही, इन तस्वीरों के मूल स्रोत के बारे में जानकारी केवल कंपनी के पास ही होगी, यानी वास्तविक उपयोगकर्ता कौन है। लोग फोटो को केवल कार्टून रूप में ही देखेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘घिबली’ के उपयोगकर्ताओं ने अपनी निजी तस्वीरों के अधिकार कंपनियों को दे दिए हैं और अब घिबली का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं द्वारा अपलोड की गई सभी निजी तस्वीरों का उपयोग कंपनियां बिना पूर्व अनुमति के कर सकती हैं।