उत्तर प्रदेशकानपुर

कानपुर में हाईटेक साइबर ठगी गैंग का खुलासा, लाखों बेरोजगार बने शिकार

पति पत्नी ने मिलकर लाखों को इस तरह बनाया.. कि साइबर क्राइम का भी चकरा गया दिमाग

कानपुर में हाईटेक साइबर ठगी गैंग का खुलासा, लाखों बेरोजगार बने शिकार

कानपुर: शहर में साइबर अपराध का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसने नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं की उम्मीदों पर गहरा आघात किया है। पुलिस ने सोमवार को एक हाईटेक साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया, जो विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक देशभर के एक लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका था। इस गैंग की खासियत यह थी कि इसमें कई लड़कियां भी शामिल थीं, जो पहले खुद नौकरी की तलाश में इस गिरोह की वेबसाइट पर आवेदन करती थीं, लेकिन बाद में इसी ठगी का हिस्सा बन गईं।

गिरोह का मास्टरमाइंड और कार्यशैली

पुलिस की छानबीन में पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड हरिओम पांडे था, जो पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था। इस गिरोह में पकड़ी गई दो युवतियां, अरीबा अंसारी और कीर्ति गुप्ता, ग्रेजुएट थीं। शुरुआत में इन्होंने ‘ग्लोबल करियर’ और ‘ओवरसीज कंसल्टेंसी’ नाम की फर्जी वेबसाइट्स के जरिए विदेश में नौकरी के लिए आवेदन किया था। हरिओम ने इन्हें 20,000 रुपये मासिक वेतन का लालच देकर अपनी कंपनी में शामिल किया और बाद में ठगी के धंधे में धकेल दिया।

ये युवतियां टेलीकॉलिंग के जरिए नौकरी की तलाश करने वालों से संपर्क करती थीं, फर्जी इंटरव्यू आयोजित करती थीं और लोगों का भरोसा जीतकर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाती थीं।

शातिर ठगों का जाल

क्राइम ब्रांच के डीसीपी एसएम कासिम आबिदी के अनुसार, गिरोह में कानपुर के कल्याणपुर, आवास विकास और काकादेव इलाकों की कई अन्य लड़कियां भी शामिल थीं। ये लड़कियां हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में बातचीत करने में माहिर थीं। खासकर उर्दू भाषी लोगों को निशाना बनाने के लिए अरीबा जैसी युवतियां उनकी भाषा में बातचीत और इंटरव्यू करती थीं, जिससे लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते थे।

चार करोड़ रुपये की ठगी का पर्दाफाश

पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने अब तक चार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है और देशभर में एक लाख से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है। यह गैंग इतना शातिर था कि शायद कभी पकड़ा नहीं जाता, यदि पंजाब के रहने वाले विकास शर्मा ने कानपुर साइबर सेल में शिकायत दर्ज न करवाई होती। विकास से 26,800 रुपये ठगे गए थे, जिसके बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की और इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।

पुलिस ने सोमवार को छापेमारी के दौरान गिरोह के सरगना हरिओम पांडे के साथ अरीबा और कीर्ति को गिरफ्तार किया। उनके पास से 3 लैपटॉप, 9 स्मार्टफोन और 14 कीपैड फोन भी बरामद किए गए।

आगे की जांच और सावधानी की जरूरत

डीसीपी आबिदी ने बताया कि इस गिरोह में शामिल अन्य लड़कियों और सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस इस पूरे नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

यह मामला नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं के लिए एक सबक है कि आकर्षक ऑफर्स और फर्जी वेबसाइट्स के झांसे में आने से पहले सतर्क रहना बेहद जरूरी है। पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि वे किसी भी अनजान वेबसाइट या नौकरी के प्रस्ताव की सत्यता जांचे बिना कोई भुगतान न करें।

Back to top button
error: Content is protected !!