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माई दंतेश्वरी की अगुवाई में दुःखियों की दुःख हरती है माता रिसाई सिंह की गर्जना आज भी साक्षात् है

धमतरी जिले के नगरी मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूरी बसा वनांचल क्षेत्र ग्राम गादुलबहरा जो ग्राम पंचायत जो रिसगांव पंचायत से आश्रित ग्राम है गादुलबहरा में प्राचीन मंदिर माता रिषाई जो स्थापित है जंगल के बीचों बीच नदी किनारे जो पूर्व में खपरैल नुमा मंदिर था अब वर्तमान में नव निर्मित 2006 मंदिर बना है। माता रिषाई की साक्षात मान्यता बस्तर से हैं जो धमतरी जिले में प्रख्यात है माता रिषाई के दरबार में जो भी दुखिया अपनी पीड़ा लेकर आते हैं माता उनकी पुकार सुनकर माता उनकी हर दुख हरती है।

माता के दरबार में निसंतान दम्पति की मुराद पूरी होती है माता रिषाई निसंतान दम्पति की पुकार सुनकर उनको संतान सुख की आशीर्वाद देती है। चैत्र नवरात्र के दसमीं दिवस के दिन माता जी की सवारी (वाहक) सिंह आज भी मंदिर परिसर में आता है और भंयकर गर्जना की आवाज आज भी साक्षात है, कहा जाता है कि माता रिषाई सिंह के रूप आती है और सब दीन दुखियों की कष्ट क्लेश दूर कर सबकी मनोकामना पूर्ण करती है। रिसाई माता के पुजारी महेश पुजारी प्रधान क्षेरा (बस्तर),भुरू राम पुजारी माई दन्तेश्वरी पुजारी रिसगांव,जय रिषाई माता बारहपाली देव समिति अध्यक्ष भगवान सिंह नाग, उपाध्यक्ष परमानंद नाग, सचिव शिवप्रसाद नेताम, सदस्य धरमू नाग झांकर संदबहरा,मंगल राम,विधान सिंह, बिसाहू राम,शीतल नेताम, द्वारका मरकाम,सलदेव कामडें,प्रभू नेताम,सुध्धु नेताम,घना मरकाम,लखन कुंजाम, चंद्रसाय नेताम,अंगद राम, ओमप्रकाश, सहित रिसगांव,आमाबहर, गादुलबहरा,उजरावन,मांदागिरी, संदबहरा, करही,मासुलखोई, खल्लारी,साल्हेभाट,जोगी बिरदो,गाताबहर,जोरातराई,इन सभी गांव से सहमत होकर जय रिषाई माता बारहपाली देव समिति बनाया गया है जो चैत्र नवरात्र पर्व पर इन सभी गांव के मुखिया, पुजारी, माता के सेऊक सेवा में लगे रहते हैं।इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर्व में माता रिषाई, माता शितला के दरबार में 72 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित है माता रिषाई के दरबार में वर्ष में एक बार चैत्र नवरात्र पर्व पर इस मंदिर में ज्योति प्रज्ज्वलित होता है।

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