उत्तर प्रदेश

लेखपाल ने झाड़ा पल्ला मुझे नहीं पता कानूनगो साहब जाने

मीडिया के सवालों में फंसे राजस्व विभाग के अधिकारी…..

 मीडिया के सवाल में लेखपाल ने झाड़ा पल्ला मुझे नहीं पता कानूनगो साहब जाने

 मीडिया के सवाल में फस गए कानूनगो साहब

बीते 25 मार्च को भूमाफिया विनय पाल गुंडों को बुलाकर, जबरन कब्जा करना कर दिया था शुरू

बैनामां में भी खेल,अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा

अम्बेडकरनगर।। जनपद के बसखारी थाना क्षेत्र अंतर्गत बसखारी अकबरपुर रोड पर स्थित अग्रवाल पेट्रोल पंप के ठीक सामने गाटा संख्या 1108 बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा करने की कैसे रची गई साजिश। 

भूमाफिया विनय पाल पुत्र राम बचन गाटा संख्या 1108 की भूमि पर कब्जा कर रहा है। उक्त भूमि टांडा तहसील अंतर्गत मौजा हरैया, बसखारी अकबरपुर रोड अग्रवाल पेट्रोल पंप के सामने है।

 विपक्षी विनय पाल, विकास, मुकुट पुत्रगण राम वचन पाल , राम अरज पुत्र रामबली का गाटा संख्या 1113 है। यह 1108 के पीछे है यानी दक्षिण तरफ है,           

              गौरतलब है कि विनय पाल ने बैनामा कराते समय चौहद्दी में गाटा संख्या 1108 न दर्शाकर रोड दिखाया है, यानी कि बैनामा में भी खेल किया। विनय पाल की मंशा सड़क किनारे गाटा संख्या 1108 बेशकीमती जमीन को हथियाने की नियत पहले से ही बनाया था। 

 कैसे रची गई साजिश कुछ दिन पहले विनय पाल ने गाटा संख्या 1113 का हदबरारी मुकदमा टांडा तहसील में किया 

मामले के बारे में जानकारी मीडिया ने फोन करके लेखपाल से पूछा तो लेखपाल ने बताया धारा 24 की क्या प्रक्रिया होती है, तो लेखपाल साहब ने बताया कि वह एसडीएम साहब के आन लाइन पोर्टल पर धारा 24 दर्ज कराया जाता है।वह कानूनगो साहब को जांच पैमाइश करने के लिए मिलता है, और यह भी मीडिया ने पूछा क्या धारा 24 में विपक्ष को नोटिस दी जाती है तो लेखपाल ने बताया हां दिया जाता है , मीडिया ने फिर पूछा क्या विपक्षी को नोटिस दिया गया तो लेखपाल ने बताया जानकारी नहीं है कानूनगो साहब जाने। अब सवाल यह पैदा होता है कि अगर हदबरारी का मुकदमा चल रहा हो और कोई फैसला नहीं हुआ हो तो उसके बाद धारा 24 का प्रयोग करके जबरन कब्जा किया जा सकता है। अगर धारा 24 के तहत गाटा को पैमाइश करके कब्जा लिया जा सकता है तो लोग हदबरारी की लम्बी प्रक्रिया को क्यों अपनाते फिलहाल अगर देखा जाए तो भू- माफिया राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलकर अवैध कब्जा कर लेते हैं, जिले में ज्यादातर विवाद राजस्व विभाग के अधिकारी ही पैदा कर रहे हैं‌‌ कभी-कभी ऐसा होता है कि राजस्व विभाग अधिकारियों के द्वारा विवाद पैदा करने के बाद खूनी संघर्ष में भी तब्दील हो जाता है।

 जब मीडिया ने मामले के की जानकारी राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) सुनील यादव लिया गया तो उन्होंने क्या कहा

राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) से फोन पर जानकारी मांगा गया तो एक दिन पहले बताया शाम को की अभी मैं गाड़ी चला रहा हूं कुछ देर बाद बात करूंगा लेकिन जब दूसरे दिन मीडिया कर्मी फोन वार्ता किया गया और पूछा अगर हदबरारी का मुकदमा चल रहा हो तो धारा 24 का प्रयोग करके कब्जा किया जा सकता है। स्पष्ट कोई जवाब नहीं मिला दूसरा सवाल आखिर जब हदबरारी मुकदमा चल रहा है तो आप लोग धारा 24 इस्तेमाल कर कैसे कब्जा करवा दिया कोई जवाब सही नहीं मीडिया कर्मी ने यह भी पूछा धारा 24 में विपक्ष को नोटिस दिया जाता है क्या नोटिस दिया गया तो जवाब में जानकारी दिया गया था इन सब सवालों से यह स्पष्ट हो रहा है कि राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) द्वारा धारा 24 का गलत इस्तेमाल किया गया और लेखपाल की बातों से यही लग रहा है कि निजी स्वार्थ में संलिप्त होकर कब्जा करवाने में अहम भूमिका कानूनगो साहब की है 

 1108 बैनामा कराने वालों से पूछताछ की गई तो उनका आरोप है कि कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है ‌

गाटा संख्या 1108 में बैनामा कराने वालों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया धारा 24 के तहत कोई नोटिस हम लोगों को नहीं दिया गया और यह भी आरोप लगाया कि धारा 24 का गलत इस्तेमाल कर राजस्व विभाग के अधिकारी लक्ष्मीना का भी पूजा किया और जबरदस्ती कब्जा करवा दिया गया। गौरतलब है कि अगर देखा जाए तो राजस्व विभाग के अधिकारियों को लक्ष्मीना का पूजा चढ़ाने के बाद किसी की भी जमीन कब्जा करवाने के लिए उतावला हो जाते हैं। अगर उच्च स्तरीय जांच हुई तो इस जांच के आंच में कई राजस्व विभाग के अधिकारी की गर्दन पर तलवार लटकेगी। फिलहाल देखना यह होगा कि इस मामले में जिलाधिकारी अविनाश सिंह कितना गंभीरता से लेते हैं।

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