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एससी/एसटी कानून को कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहा है पवन कनौजिया

एससी/एसटी कानून को कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहा है पवन कनौजिया

बस्ती, 03 अप्रैल। परिषदीय विद्यालय में अध्यापक के रूप सेवायें दे रहा गौर विकास क्षेत्र के पूरा गांव का पवन कनौजिया बेहद शातिर किस्म का है। पवन एससीएसटी कानून को कवच की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इसलिये कोई उसके खिलाफ आवाज नही उठाता। जिसने आवाज उठाने की कोशिश की उसके खिलाफ एससीएसटी के तहत शिकायत करके उसकी जुबान बंद करता रहा। 

उसने न केवन पुलिस बल्कि शिक्षा विभाग के अफसरों को भी गुमराह करने में उसने कोई कसर नही छोड़ा। ताजा जानकारी के अनुसार पवन कनौजिया के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में कूटरचना की गई है जिससे उसे एक साल अधिक नौकरी करने का लाभ प्राप्त हो रहा है। इसी गांव के श्रवण कुमार द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है। श्रवण कुमार पवन कनौजिया का सगा भाई है। सूत्रों की मानें तो उसकी सम्पत्ति पवन कनौजिया ने हड़प लिया है और अब वह पवन का दुशमन हो गया है। 

अभिलेखीय साक्ष्य के मुताबिक 1986-87 में पवन कनौजिया ने उ.मा. विद्यालय इटवा कुनगाई में छठीं कक्षा में प्रवेश लिया। अभिलेख में उसकी जन्मतिथि 20.09.1976 है। पवन ने 1991 में हाईस्कूल उत्तीर्ण किया। वहीं दूसरी ओर अभिलेखीय साक्ष्य के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय पूरा में पवन की जन्मतिथि 08.10.1975 अंकित है। यहां से 10.07.1986 को जो टीसी जारी हुई उसमे जन्मतिथि 08.10.1975 है। इसी आधार पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय इटवा कुनगाई में प्रवेश प्राप्त किया। ऐसे में स्पष्ट है कि इस कूटरचना से पवन कनौजिया को पूरे एक साल के सेवाकाल का लाभ मिल रहा है। देखना है कि अफसर इस मामले में कार्यवाही कर कूटरचना के आरोपी अध्यापक को सबक सिखायेंगे या पूर्व के तमाम मामलों की तरह उसके पक्ष में खड़े दिखाई देंगे।

पूर्व में लगे आरोप

पवन कनौजिया पहले में पू.मा. विद्यालय जलालाबाद में तैनात था। यहां अगस्त 2024 में स्कूल परिसर में बाल बालाओं का डांस कार्यक्रम आयोजित करने पर चर्चा में आया। बड़ी तेजी से खबर मीडिया में वायरल हुई। विभागीय अफसरों को दबाव में उसे सस्पेन्ड करना पड़ा। इसके बाद उसे कंपोजिट विद्यालय पूरा पैकोलिया में अटैच किया गया। पू.मा. विद्यालय जलालाबाद में ही छठी कक्षा की एक छात्रा ने पवन पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। 

आरोपी ने कक्षा 6 की छात्रा से पानी मांगा और उसे कमरे में ले जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की। घटना 15 सितम्बर 2023 की है। पीड़ित पिता शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की चौखट पर सिर पटकता रहा लेकिन एफआईआर नही दर्ज हुई। मजबूर होकर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया जहां से मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। काफी मशक्कत के बाद पैकोलिया पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी पर आंच नही आई। उसे महज दूसरे विद्यालय मंसूरनगर में भेज दिया गया।

आरोपी पवन कुमार पर पैकोलिया थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली छात्रा के मां की तहरीर पर आईपीसी की धारा 376एबी, 354बी, 504, 506 तथा पॉक्सो एक्ट 5/6, 9/10 के तहत मुकदमा दर्ज। इसमे 7 साल से अधिक और उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। पैकोलिया एसओ धर्मेन्द्र कुमार यादव ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर पीड़िता और उसके परिजनों को झूठा साबित कर दिया। अब आप समझ सकते हैं यही मुकदमा किसी सामान्य या गैर समुदाय के व्यक्ति पर दर्ज हुआ होता तो पुलिस उसका घर खोद डालती। सरकारी कर्मचारी होने का इतना फायदा है कि जिम्मेदारों ने उसकी घिनौनी हरकत को भी नजरअंदाज कर दिया। पीड़ित छात्रा आज भी भयभीत है और उसका स्कूल जाने का मन नही करता। पुलिस की इसी कार्यशैली से उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है। हमेशा शांत रहने वाले जनपदों में भी हर प्रकार के अपराध हो रहे हैं।

और भी हैं शिकायतें

उपरोक्त मामले में गांव के दानबहादुर दूबे, मनीष दूबे, गिरजाशंकर, राजधर आदि गवा थे, लेकिन इनके और शिकायतकर्ता के खिलाफ स्थानीय थाने में एससीएसटी के तहत उत्पीड़न का आरोप लगाते हुये तहरीर देकर उनकी जुबान बंद कर दिया। इस मामले में जब पुलिस ने पूछताछ शुरू किया तो सभी को जेल जाने का डर सताने लगा। आखिरकार समझौता हुआ और अब कोई उसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस नही करता। आरोप यह भी है कि पवन कनौजिया ने पूर्व में किसी मार्या बिरादरी की महिला संग घिनौनी हरकत की थी। महिला गर्भवती हुई। पीड़ित परिवार को मोटी रकम देकर उसने लड़की की शादी करवा दी और यह मामला भी रफादफा हो गया। चूंकि पवन कनौजिया धोबी जाति का है इसलिये वह एससीएसटी कानून को कचव की तरह इस्तेमाल कर रहा है और चंद रूपयों की लालच में पुलिस न्याय का सौदा कर रही है।

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