
कल्पा उपमणडल राजकीय प्राथमिक विद्यालय रल्ली में मध्याह्न भोजन कर्मचारी रेशमा के साथ जातिवाद भेदवाद किया गया उन्हें बच्चों को भोजन पकाने नहीं दिया जा रहा है श्रीमती रेशमा उस पाठशाला में 12 वर्षों से कार्यरत हैं सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों के साथ भी जातिवाद के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। ऐसे नन्हे बच्चे जो देश का भविष्य हैं, और जो राष्ट्रीय निर्माण के सपने देखते हैं—उनके मन में जातिवाद का बीज बोकर हम उन्हें कैसा भविष्य दे रहे हैं
विद्यालय वह स्थान होता है जहाँ बच्चों को समानता, भाईचारे और सम्मान की शिक्षा दी जाती है। लेकिन यदि वहीं पर भेदभाव हो रहा है, तो यह शिक्षा व्यवस्था और समाज दोनों के लिए एक काला धब्बा है।