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भारत का एक और कीर्तिमान, जर्मनी को पछाड़कर पवन और सौर ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना*

भारत का एक और कीर्तिमान, जर्मनी को पछाड़कर पवन और सौर ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना*

           प्रेस विज्ञप्ति 
            नई दिल्ली 

भारत का एक और कीर्तिमान, जर्मनी को पछाड़कर पवन और सौर ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना

भारत ने एक और कीर्तिमान रच दिया है। दरअसल भारत, जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा सौर और पवन ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है।

  • भारत ने पवन और सौर ऊर्जा से बिजली बनाने में जर्मनी को पछाड़कर विश्व में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है।
  • भारत के आगे अब स‍िर्फ चीन और अमेर‍िका हैं।
  • भारत में 40.9% बिजली कम कार्बन स्रोतों से बनी है।
  • यह 1940 के बाद पहली बार 40% के पार है।
  • यह देश के ल‍िए बड़ी उपलब्‍ध‍ि है।
  • सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत की लंबी छलांग
  • भारत में, स्वच्छ स्रोतों से 22 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन हुआ।
  • जलविद्युत ऊर्जा ने सबसे अधिक 8 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि पवन और सौर ऊर्जा ने मिलकर 10 प्रतिशत का योगदान दिया।

    भारत ने साल 2024 में दुनिया के कुल सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन का 15 प्रतिशत उत्पादन किया।

    ■ नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा सहित कम कार्बन वाले स्रोतों को मिलाकर साल 2024 में दुनिया की 40.9 प्रतिशत बिजली का उत्पादन हुआ। यह साल 1940 के बाद पहली बार हुआ, जब परमाणु ऊर्जा उत्पादन ने 40 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया।
    ■ वैश्विक स्तर पर, साल 2024 में रिकॉर्ड 858 टेरावाट घंटे (TWh) स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जो कि साल 2022 में पिछले रिकॉर्ड से 49 प्रतिशत अधिक है।
    ■ सौर ऊर्जा लगातार तीसरे वर्ष बिजली का सबसे बड़ा स्रोत रही, जिसने 2024 में 474 TWh जोड़े। यह लगातार 20वें वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजली स्रोत भी रहा। केवल तीन वर्षों में, वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन दोगुना होकर कुल बिजली उत्पादन का 6.9 प्रतिशत हो गया।
    ■ भारत में भी सौर ऊर्जा में तेजी से वृद्धि देखी गई। 2024 में सौर ऊर्जा ने देश की बिजली में 7 प्रतिशत का योगदान दिया और साल 2021 से उत्पादन बढ़कर दोगुना हो गया।
    ■ भारत ने 2024 में भारत 24 गीगावाट (GW) सौर क्षमता जोड़ी, जो 2023 में जोड़े गए जोड़ से दोगुने से भी अधिक है। इससे चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
    ■ भारत में कम कार्बन स्रोतों (जैसे र‍िन्‍यूएबल एनर्जी और न्‍यूक्‍ल‍ियर एनर्जी) से 40.9% बिजली बनी है। यह 1940 के बाद पहली बार है जब यह आंकड़ा 40% के पार गया है।

    एशिया में स्वच्छ ऊर्जा तेजी से बढ़ रही है, जिसमें सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय स्रोतों का अहम योगदान है। बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक मजबूत स्वच्छ ऊर्जा बाजार आवश्यक है, जो ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करेगा। भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अब उसे एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और वह है बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को और तेजी से बढ़ाना।

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