महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह धवस्त, निगम ने रात के बवाल के बाद सुबह चलाया बुलडोजर,पुलिस बल पर हुआ पथराव
महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह को बुधवार सुबह बुलडोजर से धवस्त कर दिया गया है। मंगलवार रात को अवैध निर्माण ढहाने पहुंची टीम और पुलिस फोर्स पर बिजली की आपूर्ति बाधित करके पथराव किया गया था। सुबह प्रशासन ने ज्यादा पुलिस फोर्स को तैनात करके अवैध दरगाह को बुलडोजर से गिरा दिया। इस अवैध दरगाह को नासिक नगर निगम ने 1 अप्रैल को नोटिस दी थी।
मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह धवस्त, निगम ने रात के बवाल के बाद सुबह चलाया बुलडोजर,पुलिस बल पर हुआ पथराव
मुंबई/महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह को बुधवार सुबह बुलडोजर से धवस्त कर दिया गया है। मंगलवार रात को अवैध निर्माण ढहाने पहुंची टीम और पुलिस फोर्स पर बिजली की आपूर्ति बाधित करके पथराव किया गया था। सुबह प्रशासन ने ज्यादा पुलिस फोर्स को तैनात करके अवैध दरगाह को बुलडोजर से गिरा दिया। इस अवैध दरगाह को नासिक नगर निगम ने 1 अप्रैल को नोटिस दी थी। इसमें दरगाह ट्रस्ट को 15 दिन में अवैध निर्माण हटाने को कहा था। ऐसा नहीं होने पर निगम ने बुलडोजर एक्शन की बात कही थी। भारी विरोध और पथराव के बाद निगम ने सुबह पाैने नौ बजे दरगाह को धवस्त कर दिया।महाराष्ट्र के नासिक में अवैध दरगाह को तोड़ने के दौरान हुए पथराव में चार से पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। नागपुर हिंसा के बाद पुलिस पर पथराव का यह दूसरा बड़ा मामला है। रात में पथराव के चलते पुलिस के साथ पहुंची टीम को पीछे हटना पड़ा था। प्रशासन ने नासिक की काठे गली में अवैध दरगाह को हटाने का अभियान आधी रात को शुरू किया गया था लेकिन वहां अचानक भीड़ पहुंच गई और पथराव शुरू कर दिया था। नासिक में जिस दरगाह को लेकर विवाद हुआ। उसका नाम हजरत सतपीर सैयद दरगाह है।नासिक नगर निगम की तरफ से दरगाह को नाेटिस दी गई थी। इसमें कहा गया था कि अवैध निर्माण को हटा लें लेकिन जब इस नहीं हटाया गया तो निगम की टीम पुलिस फोर्स के साथ इस तोड़ने के लिए पहुंची थी। आरोप है कि मंगलवार रात को बिजली आपूर्ति बाधित होने के साथ पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ। यह दरगाह नासिक के द्वारका के काठे गली में स्थित है। पुलिस के अनुसार उपद्रवियों ने काफी वाहनो में तोड़फोड़ भी की। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। निगम की तरफ इस अनाधिकृत धार्मिक निर्माण को 1 अप्रैल को नोटिस जारी की गई थी। इस साल फरवरी में हिंदू संगठनों ने इस दरगाह के खिलाफ मोर्चा खोला था। तब उन्होंने कहा था कि इसे तोड़कर बजंरग बली का मंदिर बनाया जाना चाहिए। इसके बाद से दरगाह का विवाद आगे बढ़ था। तब पुलिस ने काफी साधु-संतों को गिरफ्तार भी किया था।मंगलवार देर रात दरगाह गिराने पहुंची टीम पर पथराव के बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनात की गई थी। करीब 500 पुलिस के जवानों को इलाके में तैनात किया गया था, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। नगर निगम की तरफ से दरगाह को धवस्त करने की कार्रवाई 15 अप्रैल को नोटिस की समय-सीमा खत्म होने के बाद की गई। निगम ने दरगाह से पहले 100 मीटर पर बैरीकेड किया था। इसमें अंदर किसी भी नागरिक के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया था। पुलिस ने इस कार्रवाई को देखते हुए ट्रैफिक भी डायवर्ट किया था।