
समीर वानखेड़े:
राज्य में कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा (एचएससी परिणाम) के परिणाम आज घोषित किए गए। इस वर्ष भी लड़कियां विजयी रहीं और छात्रों ने 98 प्रतिशत परिणाम पर जश्न मनाया। उत्तीर्ण विद्यार्थियों ने केक बांटकर, केक काटकर तथा अपने परिवारों के साथ यादें ताजा करके अपनी खुशी मनाई। 12वीं परीक्षा के परिणामों को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनजागरूकता पैदा की जा रही है। छात्रों को यह संदेश दिया जा रहा है कि यदि उन्हें अपेक्षित अंक नहीं मिले तो उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि दोबारा जोश के साथ तैयारी करनी चाहिए या अपनी रुचि के क्षेत्र में करियर बनाना चाहिए। हालांकि, जलगांव में एक ऐसी घटना हुई है जहां 12वीं बोर्ड परीक्षा में कम अंक आने पर एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। इस बीच यवतमाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक छात्र ने नीट परीक्षा का पेपर कठिन आने पर अपनी जान दे दी।
12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे आज घोषित कर दिए गए। जलगांव जिले के मामुराबाद गांव के छात्र ऋषिकेश दिनेशचंद्र पाटिल ने परीक्षा परिणाम में अपेक्षा से कम अंक आने पर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दूसरी ओर, यवतमाल में एक छात्र ने NEET परीक्षा का पेपर कठिन पाकर आत्मघाती कदम उठा लिया।
यवतमाल के दिग्रस में एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे डर था कि वह कल आयोजित नीट परीक्षा में फेल हो जाएगा। आत्महत्या करने वाले लड़के का नाम लकी सुनील चव्हाण (19) है। आत्महत्या इस डर से की गई कि पेपर अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाएगा। मृतक लकी चव्हाण ने नांदेड़ में कोचिंग क्लास लेकर NEET परीक्षा की तैयारी की थी। मृतक लकी चव्हाण के चाचा मंगल चव्हाण ने दिग्रस पुलिस थाने में दर्ज कराई शिकायत में कहा कि वह परेशान थे, क्योंकि कल आयोजित पेपर अच्छा नहीं हुआ था।
लकी के पिता सुनील नर्सिंग चव्हाण एक शिक्षक हैं और फुलुमरी तालुका मनोरा जिला वाशिम में कार्यरत हैं। लक्की ने नीट का पेपर दिया हालांकि, इस डर से कि वह असफल हो जाएगा और अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाएगा, उसने सुबह करीब 3 बजे डिग्रस के महेश नगर स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से तालुका में हलचल मच गई है।