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पीएम मोदी की तीनों सेनाध्यक्ष-CDS और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ अहम बैठक खत्म..

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पीएम आवास पर अहम बैठक हुई। इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, सीडीएस के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा ..

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने का नाम ले रहा। इसी बीच दिल्ली में बड़ी बैठक हुई। तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष, सीडीएस और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को पीएम आवास पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी अहम बैठक हुई। इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। माना जा रहा कि पाकिस्तान की ओर से जारी नापाक हरकत, मिसाइल और ड्रोन अटैक को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई। साथ ही आगे की रणनीति पर भी विचार हुआ। वहीं अमेरिका की ओर से पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के बाद उसके रूख में कुछ बदलाव आया है। ये लग रहा कि पाकिस्तान बैकफुट पर आ सकता है। माना जा रहा कि इसे लेकर भी प्रधानमंत्री के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा के आसार हैं।

भारत-पाकिस्तान में तनाव?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से पाकिस्तान की ओर से अटैक की कोशिशें हुईं, उन्हें इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने करारा जवाब दिया।

पाकिस्तान की नापाक कोशिशें असफल साबित हुईं। वहीं शनिवार सुबह तक एक बार भारत-पाकिस्तान में जंग जैसे हालात नजर आ रहे थे।

पाकिस्तान नापाक हरकतों से नहीं आ रहा बाज
इसी बीच भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग हुई। इसमें बताया गया कि कैसे पाकिस्तान जमीनी हमले की तैयारी में है। उसने फॉरवर्ड पोस्ट में सैनिकों का डिप्लॉयमेंट बढ़ाया है। भारतीय सेना ने इसे उकसावे की कोशिश करार दिया। साथ ही कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान को हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा।
पीएम मोदी कर रहे हाईलेवल मीटिंग

इस बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मीटिंग हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे।जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री के साथ बैठक में पाकिस्तान के कारण सीमावर्ती इलाकों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में आगे की रणनीति और सैन्य तैयारियों पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच गृह मंत्रालय(MHA) ने एक बड़ा फैसला लिए है। MHA ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल डिफेंस नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा है। राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखे अपने पत्र में गृह मंत्रालय ने उनसे नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 को सक्रिय करने को कहा है। यह एहतियाती उपायों के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सिविल डिफेंस के निदेशकों को आपातकालीन खरीद शक्तियां प्रदान करता है।

पत्र में कहा गया है, ‘वर्तमान क्रॉस-बॉर्डर टेंशन के परिदृश्य में, मैं आपका ध्यान नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 की ओर आकर्षित करना चाहूंगा, जो अन्य बातों के साथ-साथ राज्य सरकारों को ऐसे उपाय करने का अधिकार देता है, जो राज्य सरकार की राय में शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में व्यक्तियों और संपत्तियों को क्षति से बचाने या महत्वपूर्ण सेवाओं के समुचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।’

नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 की ओर आपातकालीन शक्तियां?

सिविल डिफेंस नियम, 1968 की धारा 11 अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों पर तुरंत प्रतिक्रिया करने और आवश्यक प्रणालियों और सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का अधिकार देता है। इसके तहत लोगों और संपत्ति को किसी भी क्षति से बचाने के लिए कोई भी तत्काल उपाय किए जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि संकट की स्थिति में स्वास्थ्य सेवा, बिजली और पानी जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें। जटिल अप्रूवल के बिना सीधे नागरिक सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण या सेवाएं खरीदें जाए। सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 भारत की आंतरिक सुरक्षा और सिविल रजिस्‍टेंस कैपेबिल्‍टी यानी नागरिक प्रतिरोध क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया एक कानून है. इसकी धारा 11 राज्य सरकारों को युद्ध, हमले या आपदा की स्थिति में संवेदनशील सेवाओं को बनाए रखने और आम जनता की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की अनुमति देती है.

यह कानून राज्‍य सरकार को असाधारण अधिकार देता है,
जैसे:• बेहद जरूरी उपकरणों की इमरजेंसी खरीद,
• रोशनी और आवाजाही को नियंत्रित करने के निर्देश,
• नागरिकों की सुरक्षा के लिए राहत केंद्र स्थापित करना,
• निजी संपत्तियों का अस्थायी अधिग्रहण,
• अहम सेवाएं जैसे पानी, कम्‍यूनिकेशन और हेल्‍थ को सक्रिय बनाए रखना.

**EDS: IMAGE VIA MHA** New Delhi: Union Home Minister Amit Shah holds a meeting to review Delhi’s law and order situation, in New Delhi, Friday, Nov. 22, 2024. (PTI Photo) (PTI11_22_2024_000163B)
क्‍यों राज्‍यों को दी गई ये स्‍पेशल पावर?
पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद इंडियन आर्मी ने पाकिस्‍तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की. पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले के बाद यह कदम उठाया जा रहा है. भारत द्वारा इस अधिनियम का उपयोग यह संकेत देता है कि सरकार केवल सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बड़े स्‍तर पर कार्रवाई कर रही है. इसके तहत राज्य स्तरों पर जवाबदेही. ब्यूरोक्रेसी को रूटीन मोड से बाहर निकालकर वॉर मोड में डालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. साथ ही यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि भारत न केवल हमलों को रोक सकता है बल्कि अपने नागरिकों और मूलभूत ढांचे की रक्षा के लिए सभी संस्थागत क्षमता का उपयोग कर सकता है.

भारत हर स्थिति से निपटने को है तैयार
इस आदेश का उद्देश्य लोगों में डर पैदा करना नहीं बल्कि समय रहते तैयारियां सुनिश्चित करना है. यह सैन्य दृष्टिकोण से कम और प्रशासनिक क्षमता निर्माण की दिशा में एक कदम अधिक है. यह कदम स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है. इसके साथ ही भारत का संदेश स्पष्ट हैं. भारत सरकार नैतिक, सैन्य और प्रशासनिक तीनों स्तरों पर एक्टिव है. धारा 11 का प्रयोग करना एक सामान्य प्रक्रिया नहीं है. यह केवल तभी किया जाता है जब सरकार को लगता है कि सिर्फ सीमाओं पर सुरक्षा पर्याप्त नहीं बल्कि आंतरिक रूप से भी तैयारी आवश्यक है. इस समय भारत की रणनीति सिर्फ प्रतिक्रिया देने की नहीं, बल्कि सुरक्षा की है

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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