
चलती कार में दो सहेलियों से सामूहिक दुष्कर्म, मेरठ में युवती को फेंका; हादसे में मौत, पुलिस ने 3 दिन दबाया मामला
मेरठ / खुर्जा / नोएडा।
देशभर में जहां मंगलवार की रात सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं, वहीं उत्तर प्रदेश में मानवता को शर्मसार कर देने वाला दिल दहला देने वाला कांड हुआ। तीन दरिंदों ने चलती कार में दो सहेलियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और दुष्कर्म के बाद एक युवती को चलती कार से फेंक दिया, जिसे एक अन्य वाहन ने कुचल दिया। इस हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने इस ह्रदयविदारक घटना को तीन दिन तक दबाए रखा, लेकिन शनिवार को आरोपियों की पुलिस से मुठभेड़ के बाद यह मामला उजागर हो गया। तीनों आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जो नोएडा के रहने वाले और पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं।
📍 पांच जिलों में घूमती रही दरिंदगी की कार, पीड़िता को मेरठ में फेंका
घटना में शामिल कार नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ की सीमाएं लांघते हुए घूमती रही, लेकिन कहीं भी पुलिस सक्रिय नहीं हुई। पीड़ित किशोरी (17 वर्षीय) और उसकी 20 वर्षीय सहेली को अमित और संदीप नामक युवकों ने नौकरी का झांसा देकर कार में बैठाया था।
कार में पहले से ही एक तीसरा युवक ललित मौजूद था। इसके बाद तीनों युवकों ने दोनों लड़कियों के साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म किया।
🚨 मेरठ के जानी क्षेत्र में फेंकी गई पीड़िता, कुचलकर मौत
घटनाओं का क्रम और भी भयावह है। दुष्कर्म के बाद आरोपितों ने बिहार निवासी युवती को मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में चलती कार से धक्का देकर बाहर फेंक दिया। उसी समय पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस पूरी घटना के बाद किशोरी किसी तरह जान बचाकर भागी और बुधवार सुबह खुर्जा कोतवाली पहुंची। वहीं से मामले की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने इस गंभीर केस को दबा दिया।
🕵️ तीन दिन बाद मुठभेड़ में गिरफ्तार, तब उजागर हुआ पूरा मामला
शनिवार को पुलिस और तीनों आरोपितों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें अमित के पैर में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने तीनों को दबोच लिया और पूरा मामला सामने आया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
तीनों युवक:
अमित (मुख्य आरोपी), निवासी नोएडा
संदीप, उसका दोस्त
ललित, तीसरा साथी
तीनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं और पहले से कई मामलों में संदिग्ध बताए जा रहे हैं।
❗ पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल, अब जांच की मांग तेज
घटना के बाद से ही पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे हैं। आखिर क्यों तीन दिनों तक घटना को दबाए रखा गया? क्यों पीड़िता को तुरंत मेडिकल सहायता और न्याय नहीं दिलाया गया? अब मामले की जांच के लिए एसएसपी मेरठ और बुलंदशहर से रिपोर्ट तलब की गई है।
👨👩👧 परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, न्याय की मांग
मृतका के परिजनों और किशोरी के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पुलिस सक्रिय होती, तो एक जान बचाई जा सकती थी।
📢 सवाल खड़े करता है ये मामला:
जब युवतियों के साथ कई जिलों में अपराध हो रहा था, पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी से ट्रैक क्यों नहीं किया?
क्या RTO और टोल नाकों पर कोई सतर्कता नहीं थी?
क्या नोएडा, गाजियाबाद जैसी हाई-सेंसिटिव ज़ोन में पुलिस की पेट्रोलिंग कमजोर है?
यह मामला न केवल लड़कियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पुलिस तंत्र कितना लचर हो चुका है। अब देखना होगा कि शासन इस जघन्य अपराध और पुलिस की लापरवाही पर क्या रुख अपनाता है।
रिपोर्टर: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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📍 मेरठ / बुलंदशहर / नोएडा