
देहरादून चौक पर SDA के दावों की खुली पोल, बजाज स्वीट्स के पीछे अवैध निर्माण ज़ोरों पर, प्राधिकरण मौन
सहारनपुर।
जहां एक ओर सहारनपुर विकास प्राधिकरण (SDA) अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी ओर देहरादून चौक जैसे प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र में खुलेआम हो रहे अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण की चुप्पी सवालों के घेरे में है।
बजाज स्वीट्स के पीछे एक बहुमंज़िला निर्माण कार्य ज़ोरों पर जारी है, जबकि प्राधिकरण द्वारा इस पर न कोई नोटिस जारी किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। यही नहीं, इससे पूर्व भी पार्किंग रहित निर्माण को मिठाई की दुकान में जोड़ दिया गया था, लेकिन SDA की कार्रवाई कहीं नजर नहीं आई।
📊 उपाध्यक्ष संतोष कुमार राय के दावे
SDA के उपाध्यक्ष संतोष कुमार राय ने हाल ही में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि:
5500 अवैध निर्माणों की पहचान की गई
173 को सील, 113 पर अभियोजन, और 90 को ध्वस्त किया गया
53 अवैध कॉलोनियों में से 37 को हटाकर 26 हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई गई जिसकी अनुमानित बाज़ारी कीमत ₹43 करोड़ बताई गई
लेकिन इन आँकड़ों की चकाचौंध के पीछे देहरादून चौक का एक उदाहरण ही पूरी तस्वीर बदल देता है।
🚧 प्रश्नचिन्ह: क्या प्रभावशाली लोगों पर नियम लागू नहीं होते?
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब आम जनता द्वारा मामूली निर्माण किया जाता है, तो SDA की मशीनरी तत्काल सक्रिय हो जाती है। लेकिन जैसे ही मामला बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों या प्रभावशाली लोगों से जुड़ा होता है, कार्रवाई ठंडी फाइलों में दफन हो जाती है।
❝ जब भी हमने इस निर्माण की शिकायत की, IGRS पर आवेदन डाला गया, अखबारों में खबरें छापी गईं — लेकिन क्षेत्रीय अवर अभियंता ने झूठी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया। ❞
— स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता
🏗️ बजाज स्वीट्स के पीछे क्या चल रहा है?
निर्माण तेज़ी से चल रहा है, न बोर्ड लगा है, न प्राधिकरण की मंज़ूरी का कोई चिह्न
पार्किंग प्रावधानों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि रात के समय भी निर्माण चलता है, जिससे क्षेत्र में यातायात बाधित हो रहा है
🔍 क्या निष्पक्ष जांच होगी?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या देहरादून चौक जैसे व्यस्त और महंगे व्यावसायिक इलाके में हो रहे इस निर्माण की निष्पक्ष जांच होगी? क्या SDA सभी के लिए एक समान कानून लागू करेगा या फिर राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव के चलते आंखें मूंदे रखेगा?
📣 जनता की मांग
निर्माण की वैधता की जांच की जाए
पूर्व की शिकायतों की IGRS रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए
समान रूप से कार्रवाई हो — चाहे वह आम नागरिक हो या बड़ा व्यापारी
यह खबर प्रशासन, मीडिया और आम जनता के लिए एक आईना है — जहां दावों और हकीकत में गहरी खाई नजर आती है। जब तक प्रभावशाली लोगों पर भी नियम सख्ती से लागू नहीं किए जाते, तब तक विकास प्राधिकरण की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे।
रिपोर्टर: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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📍 सहारनपुर