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देश का दुर्भाग्य: अंग्रेजी में सवाल पूछा तो शिक्षा मंत्री ने जोड़ लिए हाथ — “मुझे अंग्रेजी नहीं आती, हिंदी में बोलो बेटा”

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है।

देश का दुर्भाग्य: अंग्रेजी में सवाल पूछा तो शिक्षा मंत्री ने जोड़ लिए हाथ — “मुझे अंग्रेजी नहीं आती, हिंदी में बोलो बेटा”

जयपुर, राजस्थान, 10 जून 2025।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मंत्री जी एक स्कूल कार्यक्रम के दौरान तब असहज हो गए जब एक छात्रा ने उनसे अंग्रेजी में सवाल पूछ लिया। मंत्री जी ने तुरंत हाथ जोड़कर कहा —

“मुझे अंग्रेजी नहीं आती, हिंदी में बोलो बेटा।”

घटना का विवरण
यह वाकया राज्य के एक सरकारी स्कूल में आयोजित एक शिक्षा संवाद कार्यक्रम के दौरान हुआ। इस कार्यक्रम में बच्चों को सवाल पूछने का अवसर दिया गया था। तभी एक छात्रा ने आत्मविश्वास के साथ मंत्री जी से अंग्रेज़ी में सवाल पूछ डाला।

मंत्री जी को जैसे ही अंग्रेज़ी के शब्द सुनाई दिए, वे चौंक उठे और हाथ जोड़कर बोले —

“मुझे अंग्रेजी नहीं आती। बेटा, हिंदी में पूछ लो।”

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, लोग कर रहे हैं तीखी टिप्पणियाँ
यह वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। लोग कह रहे हैं कि एक ओर सरकार ‘अंग्रेजी माध्यम स्कूल’ और ‘इंटरनेशनल एजुकेशन’ की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री खुद अंग्रेज़ी में सवाल का जवाब देने में असमर्थ दिखे।

विपक्ष ने कसा तंज
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा —

“राज्य का दुर्भाग्य है कि हमारे शिक्षा मंत्री को अंग्रेज़ी नहीं आती, जबकि आज की दुनिया में ग्लोबल शिक्षा के बिना प्रगति नहीं हो सकती।”

आप पार्टी के नेता ने कहा —

“जब देश के मंत्री खुद भाषा में कमजोर हों, तो बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में कैसे उतारा जाएगा?”

जनता के सवाल
✅ क्या शिक्षा मंत्री को खुद शिक्षा व्यवस्था की नींव की जानकारी नहीं?
✅ जब बच्चे आत्मविश्वास के साथ अंग्रेज़ी में सवाल पूछ सकते हैं, तो मंत्री को भी तैयार रहना चाहिए था।
✅ ये घटना शिक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर रही है।

मंत्री जी का बयान
विवाद बढ़ने के बाद मंत्री मदन दिलावर ने सफाई देते हुए कहा —

“मैं हमेशा हिंदी को महत्व देता हूं। बच्चों को भी अपनी मातृभाषा में सवाल पूछना चाहिए। अंग्रेज़ी कोई बड़ी चीज़ नहीं है, अपनी भाषा में सवाल पूछें।”

क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
आज के दौर में अंग्रेज़ी वैश्विक भाषा है। दुनिया के हर कोने में इसका महत्व है। लेकिन एक शिक्षा मंत्री का इस तरह असहज होना कई बड़े सवाल उठाता है — क्या हमारे मंत्री बच्चों की वैश्विक शिक्षा जरूरतों को समझते भी हैं?

निष्कर्ष
यह घटना साफ दिखाती है कि हमारे शिक्षा मंत्री को अभी खुद भी ‘सीखने’ की ज़रूरत है। बच्चों के सपनों को पंख देने के लिए जरूरी है कि नीति निर्माता खुद हर चुनौती के लिए तैयार हों — चाहे वो किसी भी भाषा में हो!

रिपोर्टर: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083
🌐 www.vandebharatlivetvnews.com

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