
नई दिल्ली:-गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एअर इंडिया का एक विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद ही हादसे का शिकार हो गया. दुर्घटनाग्रस्त हुआ यह विमान लंदन जा रहा था. इस विमान में 230 यात्रियों समेत कुल 242 लोग सवार थे.
इस हादसे में एक यात्री ब्रिटिश नागरिक विश्वास रमेश कुमार सुरक्षित बच गए हैं, बाकी 241 लोगों की मौत हो गई है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस हादसे में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 265 पहुंच गया है. इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें से एक यात्री बच गया है. हादसे में जान गंवाने वाले 24 अन्य लोग कौन हैं?
विमान हादसे में कम से कम पांच एमबीबीएस के छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद के सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की भी मौत हुई है. हालांकि, इन सबकी अधिक डिटेल अभी सामने नहीं आई है. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने यह भी दावा किया है कि इस हादसे में 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हुए हैं. FAIMA के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर दिव्यांश सिंह ने कहा कि हादसे वाली जगह पर मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (13 जून) को गुजरात के अहमदाबाद में उस जगह पहुंचे जहां गुरुवार (12 जून) को एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना में घायल हुए लोगों से अहमदाबाद के अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल जाकर जिंदा बचे घायलों का हाल जाना। पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें कई मंत्री और अफसर मौजूद रहे। पीएम मोदी ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पहुंचकर जमीनी स्थिति का आकलन किया। अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद घटनास्थल से मलबा हटाने का काम रात भर जारी रहा।
गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुई इस दुर्घटना में 265 लोगों की मौत हो गई। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सहित 242 यात्रियों को लेकर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI171) सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघाणीनगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इनमें से 241 लोगों की मौत हो गई। जबकि एक शख्स जिंदा बच गया है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह पहुंचे। वहां से वह सीधे मेघाणी नगर इलाके में दुर्घटना स्थल पर पहुंचे। उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी हैं।
एयरपोर्ट के बाहर बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में मारे गए लोगों में चार एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर की पत्नी भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने कल हुए AI-171 विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति से भी मुलाकात की।
एफएआईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह ने कहा कि दुर्घटनास्थल पर तलाशी अभियान अभी भी जारी है और मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जो शव बरामद हुए हैं, वे पूरी तरह जले हुए हैं.
60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल
डॉ. दिव्यांश सिंह ने कहा कि हादसे में अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के कम से कम पांच मेडिकल छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हो गए. उन्होंने कहा कि अब तक मुझे जो जानकारी मिली है उसके अनुसार विमान अपना संतुलन खोकर बीजे मेडिकल कॉलेज के पुरुष छात्रावास की इमारत के ऊपर गिरा. चूंकि, यह दोपहर के भोजन का समय था, इसलिए अधिकतर छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर वहां मौजूद थे.
अस्पताल में की घायलों से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने सिविल अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना है. उन्होंने घायलों का हौसला बढ़ाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
विमान हादसे की शुरू हुई जांच
अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है. इस भीषण हादसे में 241 यात्रियों समेत कुल 297 लोगों की मौत हो चुकी है. अब अमेरिका की Federal Aviation Administration (FAA) ने इस हादसे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह National Transportation Safety Board (NTSB) के साथ संपर्क में है और जरूरत पड़ने पर भारत को तकनीकी सहयोग देने को तैयार है.
FAA का आधिकारिक बयान
अमेरिकी एविएशन एजेंसी FAA ने बयान जारी करते हुए कहा, “FAA एयर इंडिया फ्लाइट AI171 को लेकर NTSB के संपर्क में है, जो अहमदाबाद (AMD) से लंदन गैटविक (LGW) के लिए उड़ान भर रही थी और भारत में दुर्घटना का शिकार हुई. इस संबंध में FAA ने कहा कि जब किसी अंतरराष्ट्रीय विमान हादसे की बात आती है, तो संबंधित देश की सरकार जांच का नेतृत्व करती है. यदि सहायता मांगी जाती है, तो NTSB अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में काम करता है और FAA तकनीकी सहयोग प्रदान करता है.FAA ने आगे यह भी कहा कि हम NTSB के समन्वय में तुरंत एक टीम भेजने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
DGCA और भारतीय एजेंसियां जांच में जुटी
भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य जांच एजेंसियों ने हादसे की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक आधिकारिक रूप से दुर्घटना का कारण सामने नहीं आया है.
यह दुर्घटना बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहली घातक दुर्घटना है. भारतीय विमानन प्राधिकरण (DGCA), ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB), और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने संयुक्त रूप से दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. विमान के ब्लैक बॉक्स की रिकवरी की गई है, जिससे दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी.
पायलटों की प्रोफाइल और अंतिम प्रयास
हादसे का शिकार हुए विमान को कैप्टन सुमीत सभरवाल उड़ा रहे थे, जिनके पास 8,200 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर मौजूद थे, जिनके पास 1,100 घंटे का अनुभव था. टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद फ्लाइट AI171 ने ‘Mayday’ सिग्नल भेजा, जिससे संकेत मिलता है कि पायलटों ने अंतिम क्षणों में जान बचाने का प्रयास किया.
मलबे से मिला DVR, फोरेंसिक जांच जारी
गुजरात एटीएस की टीम ने दुर्घटनास्थल से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया है, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. यह DVR हादसे के पलों को रिकॉर्ड किए जाने की संभावना को मजबूत करता है और इससे जांच एजेंसियों को काफी मदद मिल सकती है.विमान के मलबे से DVR मिलने के बाद हादसे की जांच तेज हो गई है। सरकार ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी भी बनाई है। अब सूत्रों ने खबर दी है कि क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद.
एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (वीटी-एएनबी) दुर्घटना की जांच शुरू होने के साथ ही हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स (Black Box) से इस दुर्घटना के कारण की जांच चल रही है। अब सवाल यह है कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह विमान क्रैश के बाद उसके कारण और वजहों की जांच करने में मदद करता है।
हवाई जहाज में ब्लैक बॉक्स फ्लाइट रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है, जिससे किसी भी दुर्घटना के बाद यह समझने में मदद मिलती है कि फ्लाइट के दौरान क्या हुआ था। आपको बता दें कि इसका नाम ब्लैक बॉक्स जरूर है, लेकिन यह काला या नीला नहीं बल्कि चमकीले नारंगी कलर का होता है, जिससे इसे दुर्घटना के बाद खोजना आसान होता है। यह काफी मजबूत सामग्री से तैयार किया जाता है, जिससे यह किसी भी दर्घटना में सुरक्षित रह सकता है।
क्यों लगाया जाता है ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स का उपयोग मुख्य रूप से दुर्घटना की जांच के लिए किया जाता है। दुर्घटना के बाद एक्सपर्ट को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि मैकेनिकल डाटा और पायलट एक्शन दोनों का विश्लेषण करके क्या गलत हुआ था। दुर्घटना के बाद ब्लैक बॉक्स से डेटा का विश्लेषण करके भविष्य में हवाई जहाज और उससे संबंधित अपडेट करने के लिए किया जाता है, ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
ब्लैक बॉक्स में होते हैं दो पार्ट
पहला फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) होता है, जिसमें एयरक्राफ्ट सिस्टम से टेक्निकल डाटा रिकॉर्ड करता है। यह ऊंचाई,स्पीड, इंजन परफॉर्मेंस, दिशा और फ्लाइट कंट्रोल इनपुट जैसी चीजों को ट्रैक करता है।
दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) होता है, यह कॉकपिट से ऑडियो रिकॉर्ड करता है। इसमें पायलट और को पायलट के बीच की बातचीत, रेडियो कम्युनिकेशन और एंबिएंट कॉकपिट का साउंड जैसे कि जैसे अलार्म या स्विच आदि भी रिकॉर्ड होता है।
ब्लैक बॉक्स की खासियतें
ब्लैक बॉक्स को आमतौर पर हवाई जहाज के पिछले हिस्से में इंस्टॉल किया जाता है, जिससे दुर्घटना में इसके बचने की ज्यादा संभावना रहती है। ड्यूराबिलिटी के मामले में यह एक्स्ट्रीम इंपेक्ट और अधिक तापमान को बर्दाश्त कर सकता है।
यह वाटरप्रूफ होने के साथ-साथ प्रोटेक्टिव मैटेरियल में कवर होता है। रिकॉर्डिंग समय की बात करें तो सीवीआर आमतौर पर 2 घंटे का ऑडियो स्टोर कर सकता है। वहीं एफडीआर 25 घंटे या उससे ज्यादा फ्लाइट डाटा स्टोर कर सकता है।
यह दुर्घटना बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहली घातक दुर्घटना है. भारतीय विमानन प्राधिकरण (DGCA), ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB), और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने संयुक्त रूप से दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. विमान के ब्लैक बॉक्स की रिकवरी की गई है, जिससे दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी.