
सीकर. शिक्षा नगरी के रूप में पहचाने जाने वाले सीकर शहर को अब नशा मुक्त नगरी के रूप में भी पहचान स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नगर परिषद सीकर द्वारा शहर में तम्बाकू उत्पादों की अनियंत्रित बिक्री को रोकने एवं जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए तम्बाकू विक्रेता लाइसेंसिंग प्रणाली प्रभावी रूप से लागू की गई है। इस उल्लेखनीय प्रयास के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा द्वारा नगर परिषद सीकर टीम को नगर परिषदों की कैटेगिरी में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया गया।
नगर परिषद आयुक्त शशिकान्त शर्मा के नेतृत्व में युवा पीढ़ी को नशे की प्रथम सीढी मिठ्ठी सुपारी , गुटखा, पान मसाला सहित अन्य तम्बाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए तम्बाकू वेंडर लाइसेंसिंग प्रणाली को जमीनी स्तर पर लागू किया गया, जिसके तहत अब सीकर में तम्बाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत अब तक लगभग 400 से अधिक तम्बाकू विक्रेताओं का पंजीकरण एवं सत्यापन कर उन्हें अधिकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना, सार्वजनिक स्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाना तथा स्वस्थ समाज की नींव रखना है। नगर परिषद द्वारा निरंतर जनजागरूकता अभियान तथा दुकानदारों को नियमों की जानकारी देकर अभियान को सफल बनाया गया। राज्य स्तर पर सीकर की इस पहल को उत्कृष्ट नगरीय स्वास्थ्य नवाचार के रूप में मान्यता मिली है।
नगरीय विकास एवं स्वायत शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस अवसर पर कहा कि “सीकर का यह मॉडल पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।” राज्य मंत्री ने कहा कि सीकर की टीम ने जो तीन नवाचार किये है, जिसमे ऑटो टीपर से तम्बाकू के दुष्प्रभावों की जानकारी देना, तम्बाकू विक्रेता के पास डस्टबिन रखना व दो क्षेत्र पिपराली रोड़ व नवलगढ़ रोड़ पर तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण पाबन्दी सराहनीय कदम है। खर्रा ने कहा कि इस तरह के नवाचार अन्य स्थानीय निकायों में भी प्रारम्भ किये जायेंगे।
राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन डीडीआर, जयपुर व एस आर के पी एस के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को आयोजन किया गया। सीकर में किए गए नवाचारों को देखने के लिए डीडीआर, जयपुर ने गत दिनों नगर परिषद, सीकर की विजिट भी की थी।