
वंदेभारतलाइवटीव न्युज-: भारत सरकार ने कृषि वानिकी को और अधिक बढ़ावा देने तथा कृषिभूमि पर लगे हुए पेड़ों की कटाई को आसान करने के लिए नये मॉडल नियम बनाए है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने वनक्षेत्र के बाहर वृक्षारोपण बढ़ाने जलवायु परिवर्तन को कम करने मे सहायता हो सकती है। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि कृषिभूमि में पेड़ों की कटाई के लिए मॉडल नियम बनाने का उद्देश्य कृषि वानिकी को मे कारोबार को सरल करना और किसानों को बिना किसी प्रकार के अनावश्यक परेशानी के पेड़ों से आमदनी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है । सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने वनों के बाहर वृक्षों को बढ़ाने जलवायु परिवर्तन को कम करने लकड़ी के आयात को कम करने तथा टिकाऊ भूमि का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कृषि वानिकी को बढ़ावा दे रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी कृषिभूमि पर पेड़ों की कटाई को लेकर कोई स्पष्ट नियम नही है। जिससे वानिकी उत्पादों की खेती और विपणन को प्रभावित करती है। नये नियमों के अनुसार लकड़ी आधारित उद्योग दिशा-निर्देश 2016 के अंतर्गत पहले से गठित राज्य स्तरीय समिति इन नियमों के लिए समिति के रूप में भी काम करेगी। इसमे राजस्व और कृषि विभागों के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। समिता राज्य सरकार को यह सलाह देगी कि कैसे कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और पेड़ों की कटाई तथा पारगमन नियमों को सरल बनाते हुए कृषि भूमि से लकड़ी का उत्पादन बढ़ाया जाए। समिता आवेदनों के सत्यापन और कृषि भूमि से लकड़ी के पारगमन के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का कार्य करेगी। आवेदकों को अपनी रोपण भूमि को राष्ट्रीय लकड़ी प्रबंधन प्रणाली एनटीएमएस पोर्टल पर पंजीकृत करवाना होगा। उन्हें भूमा स्वामित्व विवरण और अपनी कृषि भूमि का स्थान दर्ज करना होगा। मूल रोपण विवरण, जिनमे प्रजातियों के अनुसार पौधों की संख्या रोपण तिथि और पौधों की औसत ऊंचाई भी शामिल रहैगी। आवेदकों को एसएलसी की आवश्यकतानुसार इस जानकारी को अपडेट भी करना होगा। प्रत्येक पेड़ की केएमएल फायल में जियोटैग की गई तस्वीरों के साथ फोटो भी खींची जानी चाहिए। इन सभी विवरणों की निगरानी वन कृषि पंचायतीराज विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों के द्वारा की जायेगी। जानकारी अनुसार दस से अधिक पेड़ों वाली कृषि भूमि के लिए एनटीएमएस के माध्यम से आनलाईन आवेदन देना होगा। जिसमे काटे जाने वाले पेड़ों के विषय मे पूरी जानकारी देनी होगी। सत्यापन करने वाली एजेंसी क्षेत्र का दौरा कर भूमि पेड़ों और लकड़ी की अनुमानित मात्रा के विषय मे विवरण के साथ एक रिपोर्ट तैयार करेगी। जिसके आधार पर कटाई की अनुमति प्रदान की जायेगी।