उत्तर प्रदेशगोंडा

गोंडा | बेसिक शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला उजागर

अजीत मिश्रा (खोजी)

गोंडा – उत्तर प्रदेश 

।। गोंडा का “करोड़पति बाबू” बेनकाब। 688 फर्जी नियुक्तियों का मास्टरमाइंड निकला लेखा बाबू अनुपम पांडेय ।।

💫 गोंडा | बेसिक शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला उजागर।।

 50 हजार सैलरी, लेकिन लखनऊ से गोंडा तक आधा दर्जन आलीशान मकान और 12 लग्ज़री गाड़ियों का मालिक निकला बाबू अनुपम पांडेय। भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय का सीधा आरोप, मुख्यमंत्री को भेजा 2 पेज का पत्र। फर्जी नियुक्तियां, पेंशन घोटाला, फर्जी उपस्थिति पर वेतन, विदेश यात्राओं के दौरान सैलरी भुगतान। गोंडा से लखनऊ तक बेशुमार बेनामी संपत्ति। पत्नी, बेटी और साली को भी फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलवाने का आरोप। 29 एडेड स्कूलों में 688 फर्जी नियुक्तियों का मास्टरमाइंड।

💸 भ्रष्टाचार का तरीका:

फर्जी दस्तावेज़ों से नियुक्तियां। नियुक्त शिक्षकों से मोटी रकम वसूली।नेटवर्क गोंडा के हर ब्लॉक तक फैला।भ्रष्ट पैसे से खरीदीं लग्जरी गाड़ियाँ, मकान और की विदेश यात्राएं।

 उत्तर प्रदेश का सबसे चर्चित बाबू बन चुका अनुपम पांडेय अब सवाल ये है कि SIT की चार साल पुरानी जांच का नतीजा कब सामने आएगा?

लग्जरी गाड़ियों का शौकीन है यूपी का करोड़पति बाबू:लखनऊ से गोंडा तक 6 आलीशान मकान; फर्जी नियुक्तियों से कमाए पैसे

लखनऊ/गोंडा

लखनऊ और गोंडा में करोड़ों के मकान, चलने के लिए स्कोडा से लेकर थार तक…ये अंदाज किसी रईसजादे का नहीं, बल्कि गोंडा के बेसिक शिक्षा कार्यालय के लेखा विभाग में तैनात बाबू अनुपम पांडेय का है।

गोंडा के तरबगंज विधानसभा से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने आरोप लगाया है कि फर्जी नियुक्तियों के जरिए बाबू करोड़पति बना बैठा है। विधायक ने इसकी शिकायत सीएम से की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

पहले पढ़िए विधायक का आरोप गोंडा से तरबगंज विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने 7 मई 2025 को सीएम योगी को 2 पेज का पत्र लिखा। इसमें उन्होंने गोंडा के बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा बाबू अनुपम पांडेय पर फर्जी नियुक्ति, पेंशन फर्जीवाड़ा, विदेश टूर के दौरान वेतन भुगतान, जालसाजी और लखनऊ से गोंडा तक आधा दर्जन से ऊपर आलीशान मकान होने के आरोप लगाए।

अब सिलसिलेवार आरोपों की सच्चाई जानिए

विधायक का आरोप नंबर 1 : लखनऊ से गोंडा तक आधा दर्जन मकान

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला : हमने इन्वेस्टिगेशन की शुरुआत लखनऊ से की। हम विधायक के बताए पते अलीगंज के सेक्टर M-C19 पर पहुंचे। यहां मकान के बाहर लगी नेम प्लेट पर कुमुदलता पांडेय, आर्यन पांडेय और अंकुर पांडेय का नाम लिखा मिला। घर में उस वक्त कोई नहीं था। हमने पड़ोस के घर में ही छोटी सी दुकान चलाने वाले से बात की।

दुकानदार ने बताया कि यहां कमलेश नौकर रहता है। वह इस वक्त बाहर गया हुआ है। नेम प्लेट पर जिस कुमुदलता पांडेय का नाम लिखा है, वह लेखा बाबू अनुपम पांडेय की पत्नी हैं। हम जान चुके थे कि यह मकान अनुपम पांडेय का ही है। यहीं से हमें नौकर कमलेश का मोबाइल नंबर 9453220676 मिला।

एक मकान की तस्दीक के बाद हम दूसरे मकान की तलाश में निकले। हम शिकायती पत्र में दिए गए नाम नवीन ट्रेडर्स के यहां पहुंचे। नवीन ने बातचीत में पुष्टि की कि अनुपम पांडेय का मकान बन रहा है। यहां से ही सामान सप्लाई हो रहा है।

नवीन ने मकान का पता केंद्रीय विद्यालय के पास सेक्टर M-16 बताया। यहां तीन मंजिला मकान अभी बन ही रहा है। मकान की दीवारों पर कीमती पत्थर लगाए जा रहे थे। बाहर से देखने पर यह मकान किसी शीशमहल से कम नहीं है।

अनुपम का दूसरा मकान भी शीशमहल जैसा है। इसमें अभी निर्माण कार्य चल रहा है।

मकान अलीगंज की सबसे चौड़ी सड़क पर स्थित है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। हमने अनुपम पांडेय के दूसरे नवनिर्मित मकान की देखरेख कर रहे कमलेश को फोन किया। वह आलीशान मकान के अंदर से बाहर आया। मैंने उसे इशारे से अपनी गाड़ी में बिठा लिया और बातचीत का सिलसिला शुरू किया।

मकान की देखरेख कर रहे कमलेश से बातचीत…

रिपोर्टर: तुम्हारी ड्यूटी यहीं चल रही है। कमलेश: हां, अभी तो यहीं चल रही।

रिपोर्टर: अनुपम पांडेय आते हैं कि नहीं? कमलेश: पांडेय जी आते तो हैं कभी-कभी।

रिपोर्टर: पांडेय के खिलाफ कोई जांच चल रही है क्या? कमलेश: पता नहीं, हमको नहीं मालूम।

रिपोर्टर: तुम्हारी भी तो शिकायत हुई है? कमलेश: कुछ पता नहीं।

रिपोर्टर: जावा मोटरसाइकिल है तुम्हारे पास? कमलेश: वो तो बाइक मेरी है।

रिपोर्टर: शिफ्टिंग अभी नहीं हुई है क्या? कमलेश: नहीं अभी नहीं हुई है।

रिपोर्टर: मकान तो बड़ा आलीशान बन रहा है। कमलेश: हंसते हुए…बन तो रहा है।

रिपोर्टर: कितनी तनख्वाह मिलती है। कमलेश: दस-बारह हजार रुपए महीने।

रिपोर्टर: यह मकान किसके नाम पर है? कमलेश: उन्हीं के नाम पर होगा।

नौकरी क्यों नहीं दिलाई पूछने पर क्या बोला कमलेश…

रिपोर्टर: तुमको नौकरी अब तक क्यों नहीं दिलाए? कमलेश ने एक चुटकुला सुनाकर बात टाल दी।

रिपोर्टर: नीचे क्या बनाएंगे? कमलेश: कुछ सैलून टाइप का बनेगा।

रिपोर्टर: बच्चे इनके कहां पढ़ते हैं? कमलेश: बड़ा वाला तो नोएडा में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा, दूसरा गोंडा में ही पढ़ता है।

कमलेश के अनुसार दोनों मकान अनुपम के हैं। वो अक्सर आते रहते हैं। शिकायत में कमलेश के पास जावा मोटरसाइकिल होने की बात कही गई है। कमलेश ने इसे यह कहते हुए स्वीकार किया कि यह उसकी अपनी है। सवाल है कि 10-12 हजार रुपए पाने वाला नौकर दो लाख की जावा बाइक कैसे खरीद सकता है?

गोंडा में 300 मीटर के अंदर तीन मकान लखनऊ में दो मकानों की तस्दीक के बाद हम 140 किमी दूर गोंडा पहुंचे। हमें जानकारी मिली थी कि गोंडा की पॉश कॉलोनी आवास विकास में अनुपम पांडेय के तीन मकान हैं। यह तीनों मकान 300 मीटर के अंदर बने हुए हैं। तीनों ही मकान कॉर्नर के हैं और आलीशान हैं। इन्हीं में से एक मकान में वह खुद परिवार के साथ रहता है। जबकि एक गेस्ट के लिए बना रखा है। यही नहीं विभागीय लोगों से पता चला है कि अनुपम पांडेय ने गांव में भी एक मकान बना रखा है।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय गोंडा में जब हमने आरोपों पर अनुपम पांडेय से मिलना चाहा तो वह बहाने बनाता रहा, मुलाकात नहीं की। लेकिन फोन पर सफाई देते हुए मकान के आरोप स्वीकार कर लिए।

विधायक का आरोप नंबर 2: पत्नी कुमुदलता, बेटी अल्पना और साली को फर्जी तरीके से नौकरी दिलाई

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: इस आरोप की पड़ताल के लिए हम अनुपम पांडेय की पत्नी के स्कूल पहुंचे। विधायक के शिकायती पत्र में स्कूल का पता वंशीधर लघु माध्यमिक विद्यालय मिश्रौलिया (एडेड स्कूल) तामापार मनकापुर गोंडा बताया था। वहां के स्टाफ से बात की।

पता चला कि कुमुदलता आज नहीं आई हैं। दूसरे शिक्षकों ने बताया कि वह बहुत कम आती हैं। प्रधानाचार्य राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि यहां फिलहाल 33 शिक्षकों की तैनाती है। जबकि छात्रों की संख्या 100 से नीचे है। जब उनसे कुमुदलता की फर्जी नियुक्ति के आरोप पर बात की तो बोले-जांच चल रही है।

वंशीधर लघु माध्यमिक विद्यालय मिश्रौलिया। यहां के स्टाफ ने बताया कि कुमुदलता कभी-कभार ही यहां आती हैं।

अब बात बेटी अल्पना की इसके बाद हम अनुपम पांडेय की बेटी अल्पना की तैनाती वाले कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय करमा (एडेड स्कूल) पहुंचे। विधायक का आरोप है कि अनुपम पांडेय की बेटी यहां लिपिक के पद पर तैनात है।

यहां मौजूद स्टाफ से हमने बात की तो पता चला कि अल्पना की नियुक्ति 2018 में ही की गई थी। वह कभी-कभी आती हैं। इसके अलावा वहां कोई भी अल्पना पांडेय के बारे में कुछ नहीं बताना चाह रहा था। गोंडा पहुंचकर हमें अनूप सिंह का नंबर मिला।

बातचीत में पता चला कि वह शिक्षक संघ के नेता है। अनूप सिंह ने अल्पना पांडेय के खिलाफ 2017-18 में शिकायत की थी। अनूप बताते हैं तब अल्पना पांडेय करमा से पहले वजीरगंज स्थित दयानंद वैदिक लघु माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर तैनात थी।

अनूप ने अनियमित नियुक्ति की जांच के लिए शिकायत की। पर अनुपम ने जांच अधिकारियों को मैनेज कर लिया। इसकी वजह से जांच रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आ पाई। यही वजह है कि इस शिकायत के बाद अल्पना को करमा में लिपिक के पद पर तैनाती दे दी गई। शिक्षकों ने बताया कि लिपिक पद पर तैनाती की जांच कमिश्नर और एडी बेसिक द्वारा की जा रही है।

साली को नौकरी फिर पेंशन करा दी विधायक का आरोप है कि साली कुसुमलता की नौकरी भी अनियमित ढंग से अनुपम ने लगवाई। कुसुमलता भी अनुपम पांडेय की पत्नी कुमुदलता के स्कूल वंशीधर किसान विद्यालय मिश्रौलिया तामापार में ही तैनात रही। शिक्षक संघ नेता अनूप सिंह कहते हैं, कुसुमलता को फर्जी ढंग से 1998 से नियुक्ति दिखाकर 2023 तक वेतन और पेंशन दिलाई।

आठवीं पास साली को अनुपम ने शिक्षिका की नौकरी दिलवाई और सेवानिवृत्त भी करा दिया। मामला गंभीर होने पर 2023 में कुसुमलता की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिखाकर लाखों रुपए पेंशन के रूप में भुगतान कर दिया। बीएसए अतुल तिवारी ने बताया कि मामले की जांच कमिश्नर कर रहे हैं।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: अनुपम पांडेय ने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया।

विधायक का आरोप नंबर 3: विदेश में रही बेटी अल्पना, फिर भी जारी होता रहा वेतन

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: आरोप है कि अनुपम पांडेय की बेटी अल्पना सरकारी नौकरी में रहते हुए दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 तक दुबई में छुटि्टयां मना रही थी। छुट्‌टी के दौरान भी अल्पना का वेतन जारी हुआ। हमने इन आरोपों की पुष्टि के लिए अल्पना का इंस्टाग्राम आईडी चेक किया। जिसमें दुबई की तस्वीरें देखने को मिलीं।

यही नहीं आरोपों की तस्दीक के लिए हमने वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी से बात की। अतुल तिवारी ने बताया कि कार्यालय से विदेश जाने की कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। इससे यह साबित हो गया कि अल्पना बिना अनुमति के ही विदेश यात्रा पर गई थीं।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: अनुपम पांडेय का कहना है कि अल्पना की अपनी पर्सनल लाइफ है। वह कहां जा रही हैं-कहां नहीं। इस बारे में वही बेहतर बता पाएंगी।

विधायक का आरोप नंबर 4: बेसिक शिक्षा परिसर से अलग चलता है बाबू अनुपम पांडेय का लेखा कार्यालय

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: बेसिक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस में हमें पता चला कि यहां से तीन किमी दूर जानकीनगर में पूर्व माध्यमिक कंपोजिट विद्यालय में अनुपम पांडेय का लेखा ऑफिस चलता है। जब हम वहां पहुंचे तो अनुपम पांडेय वहां मौजूद नहीं था। वहां कई सारे लोग अनुपम पांडेय का इंतजार कर रहे थे। दरअसल, यह सभी लोग अलग-अलग स्कूलों से आए थे। यहां हमें पता चला कि पिछले कई सालों से लेखा ऑफिस यहीं चल रहा है।

बीएसए अतुल तिवारी ने बताया कि लेखा कार्यालय को बेसिक शिक्षा विभाग के परिसर में लाने के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी को कई बार पत्र लिखा। डीएम ने भी इसे शिफ्ट करने के लिए 9 अप्रैल 2025 को पत्र लिखा है, लेकिन कार्यालय अभी तक शिफ्ट नहीं हुआ।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: अनुपम पांडेय का कहना था कि कार्यालय कहां रहेगा यह जिम्मेदारी वित्त एवं लेखाधिकारी की है। वो जहां बैठेंगे वहीं मुझे बैठना है।

डीएम ने लेखा कार्यालय शिफ्ट करने के लिए 9 अप्रैल 2025 को ये पत्र लिखा था। अभी तक ऑफिस शिफ्ट नहीं किया गया है।

विधायक का आरोप नंबर 5: कुमुदलता के खाते में एक दिन में ही 17 लाख रूपए लेखा विभाग से ट्रांसफर हुए

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: इन्वेस्टिगेशन के दौरान हमें अनुपम पांडेय की पत्नी कुमुदलता के बैंक खाता संख्या 906001001657XX के स्टेटमेंट का पता चला। इसमें 28 जनवरी 2016 को 9 बार में 17 लाख 30 हजार 931 रूपए लेखा विभाग के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए।

यह बैंक खाता तब यूपी ग्रामीण बैंक का था। इन्वेस्टिगेशन में यह भी पता चला कि इसी खाते में कुमुदलता की सैलरी भी आती थी। हालांकि, मार्च 2019 तक ही यह खाता चलाया गया। इसके बाद आईडीबीआई बैंक में खाता संख्या 11551040000685XX में सैलरी आनी शुरू हो गई।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: यह कैसा पैसा था, जवाब नहीं दे पाया बाबू।

विधायक का आरोप नंबर 6: अनुपम पांडेय 20 साल से एक ही पद पर तैनात

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: इस मामले में जब हमने बीएसए अतुल तिवारी से बात की तो आरोप सही निकले। अब हमारा सवाल था कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? अतुल तिवारी का जवाब था कि पटल बदलने का काम लेखा विभाग से होता है। अब तक पटल क्यों नहीं बदला गया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: अनुपम पांडेय ने कहा कि मुझे किस पद पर रखना है, कहां रखना है, यह वित्त और लेखा विभाग का काम है। मैं इसमें क्या कर सकता हूं।

विधायक का आरोप नंबर 7: अनुपम पांडेय के पास 12 गाड़ियां, कुछ नौकरों के नाम।

इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला: जब हम गोंडा के आवास विकास स्थित अनुपम पांडेय के घर पहुंचे तो वहां स्कोडा (UP 32 MX9918) और दूसरी गाड़ी टोयटा ग्लेंजा (UP 32 NV 3699) जोकि अमित बाजपेयी के नाम पर दर्ज है खड़ी थी। शिक्षक नेता अनूप सिंह ने बताया कि जिस फॉर्च्यूनर से अनुपम चलता है वह भले ही अतुल श्रीवास्तव (UP 32 LJ 9000) के नाम है पर पैसा अनुपम का ही लगा है।

अतुल श्रीवास्तव अनुपम के लखनऊ वाले मकान का पड़ोसी है। अनुपम ने उसकी नियुक्ति गोंडा के कर्नलगंज स्थित एक एडेड स्कूल में शिक्षक के पद पर करवाई है। वहीं एक जावा गाड़ी अनुपम के नौकर कमलेश चंद्र (UP 32 LC 3777) के नाम पर दर्ज होने का आरोप है। अनूप सिंह ने बताया कि अनुपम के दूसरे नौकर अजय के नाम पर एमजी हेक्टर (UP 32 LR 9009) गाड़ी दर्ज है।

आरोप पर क्या बोला अनुपम पांडेय: अनुपम पांडेय ने अपने और परिजनों के नाम की गाड़ियों को छोड़कर बाकी गाड़ियों के लिए इनकार कर दिया।

अब जानिए अनुपम कैसे बना करोड़ों का मालिक

29 एडेड स्कूलों में 688 शिक्षकों की नियुक्ति भ्रष्टाचार की जड़ शिक्षक संघ के नेता अनूप सिंह बताते हैं, अनुपम के मालामाल होने के पीछे गोंडा के 29 एडेड स्कूल हैं। जिनमें नियुक्तियां कराकर अनुपम आधा दर्जन घर और एक दर्जन गाड़ियों का स्वामी बना। अनूप कहते हैं, अनुपम पांडेय का सबसे बड़ा नेटवर्क फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का है।

गोंडा के 29 एडेड स्कूलों में 688 शिक्षकों की नियुक्तियों का मास्टर माइंड अनुपम पांडेय ही है। इनमें 600 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी बताई जा रही है। इसकी जांच चार साल से एसआईटी कर रही है। अनुपम के इस काम में वित्त एवं लेखाधिकारी और कार्यालय का एक अन्य बाबू भी शामिल है।

 शिकायतकर्ता अनूप सिंह हैं का कहना है कि अनुपम पांडेय का सबसे बड़ा नेटवर्क फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का है।

आरोपों के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी का हुआ ट्रांसफर अनुपम पांडेय पर लगे आरोपों में सहयोग करने के चलते वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित का ट्रांसफर प्रयागराज कर दिया गया। सिद्धार्थ दीक्षित पर आरोप था कि ये जान बुझकर लेखा कार्यालय को बेसिक शिक्षा विभाग के परिसर में शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। साथ ही उच्चाधिकारियों के आदेश को न मानना इनके ट्रांसफर का कारण बना।

नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा लेने के आरोप

युवक बोला, नौकरी दिलाने के लिए 15 लाख लिए हमें जानकारी मिली कि गोंडा में अंबेडकर चौराहे पर बैग की दुकान चलाने वाले आशीष से अनुपम ने नौकरी के नाम पर रुपए ले रखे हैं। तस्दीक के लिए हम आशीष के पास पहुंचे। आशीष ने बताया, अनुपम पांडेय ने नौकरी लगवाने के लिए 15 लाख रुपए लिए हैं। पर अब तक नौकरी नहीं लगवाई। एक साल हो गया है।

आशीष का आरोप है कि अनुपम ने नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपए लिए हैं।

12 लाख रुपए लिए, नौकरी नहीं लगवाई गोंडा निवासी दूसरे शिकायतकर्ता राम गोपाल वर्मा से हमारी फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि नौकरी लगवाने के लिए अनुपम ने 12 लाख रुपए लिए हैं। 2018 में तीन लाख रुपए दिए। कभी दो लाख-कभी तीन लाख करके 12 लाख रुपए दे चुका हूं। जब नौकरी नहीं लगवाई तो मैंने पैसा मांगा। अनुपम ने धमकी दी। एक बार एक्सीडेंट भी करा दिया। ‘जब इसकी शिकायत लेकर तत्कालीन डीआईजी के पास पहुंचा तो उल्टे मेरे पर एफआईआर दर्ज करने की बात कहते हुए डांटकर भगा दिया।’

कमिश्नर ने गठित की तीन सदस्यीय टीम बेसिक शिक्षा के बाबू अनुपम पांडेय की जांच सीएम के निर्देश पर कमिश्नर गोंडा कर रहे हैं। कमिश्नर शशि भूषण से हमने जांच की स्थिति के बारे में जानकारी ली। कमिश्नर ने बताया कि अपर आयुक्त कमलेश चंद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। शिकायत की जांच के लिए गठित कमेटी ने बीते 27 जून 2025 को सुनवाई की डेट तय की थी।

इससे पहले भी सुनवाई हुई है। अपर आयुक्त कमलेश चंद्र ने बीएसए से अनुपम पांडेय की पत्नी, साली और बेटी की नियुक्ति से संबंधित सभी कागजात मंगाए हैं। पर इस तिथि पर बीएसए ने कोई कागज नहीं दिया।

अब जानिए एसआईटी जांच कहां तक पहुंची

पहेली बनी एसआईटी की जांच, उठ रहे सवाल गोंडा में 600 फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए 4 साल पहले एसआईटी गठित की गई थी। अब एसआईटी की जांच पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर इतने साल में एसआईटी की जांच पूरी क्यों नहीं हो पाई। शिकायतकर्ता अनूप सिंह ने बताया कि जिस मकसद से एसआइटी गठित की गई थी, वो अभी तक पूरा नहीं हो पाया। इधर, फर्जी शिक्षकों को करोड़ों रुपए भुगतान किया जा रहा है।

एसआईटी इंचार्ज बोले- शासन से जानिए क्या है जांच की स्थिति

एसआईटी इंचार्ज पीके सिंह से हमने दो सवाल किए

पहला- एसआईटी जिन फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति की जांच कर रही है उसका स्टेटस क्या है? दूसरा- आपके ऊपर आरोप है कि आपने जांच पेडिंग करने के नाम पर तीन नियुक्तियां कराई हैं?

पीके सिंह कहते हैं कि हमें शासन से आदेश है कि हम जांच से संबंधित जानकारी किसी को नहीं दे सकते। आप शासन से जवाब मांगिए। वहीं, दूसरा सवाल सुनते ही कहा कि आपको इससे क्या मतलब है। इसके बाद फोन काट दिया।

विधायक बोले- मैनेज होने की चर्चा निराधार लेखा बाबू की शिकायतों के बाबत दैनिक भास्कर ने विधायक प्रेम नारायण पांडेय से उनके तरबगंज स्थित आवास पर मुलाकात की। विधायक ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि आपके ऊपर मैनेज होने की चर्चा है। उन्होंने चर्चा को निराधार बताते हुए कहा कि जांच हो रही है सच्चाई सामने आ जाएगी।

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