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ग्रेटर नोएडा शारदा यूनिवर्सिटी फिर विवादों में, BDS छात्रा की आत्महत्या से मचा बवाल – शिक्षकों पर गंभीर आरोप, छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस का लाठीचार्ज

दो शिक्षकों—महेंद्र सर और शार्ग मैम—का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि वे लंबे समय से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।

🔴 ग्रेटर नोएडा शारदा यूनिवर्सिटी फिर विवादों में, BDS छात्रा की आत्महत्या से मचा बवाल – शिक्षकों पर गंभीर आरोप, छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस का लाठीचार्ज

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में घिर गई है। यूनिवर्सिटी की BDS द्वितीय वर्ष की छात्रा ने शुक्रवार रात हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल की है, जहां छात्रा का शव पंखे से लटका मिला। मौके पर पहुंची पुलिस को छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसने पूरे संस्थान की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से दो शिक्षकों—महेंद्र सर और शार्ग मैम—का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि वे लंबे समय से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। उसने लिखा कि बार-बार अपमानित किए जाने और अवसाद में डूबने के चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया।

घटना की जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और यूनिवर्सिटी गेट के बाहर शव के साथ धरने पर बैठ गए। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में छात्र भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। “हमें न्याय चाहिए!” के नारों से कैंपस और यूनिवर्सिटी के आसपास का इलाका गूंज उठा। छात्रों ने क्लास का बहिष्कार करते हुए मुख्य सड़क को जाम कर दिया, जिससे यातायात भी बाधित हुआ।

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया। लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई छात्र घायल हो गए, जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की यह कार्रवाई और भी आक्रोश का कारण बनी।

घटना के बाद पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की और दोनों आरोपित शिक्षकों—महेंद्र सर और शार्ग मैम—को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी।

उधर, छात्र संगठनों और परिजनों ने चार अहम मांगें रखी हैं:

  1. उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।

  2. आरोपी शिक्षकों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।

  3. मृतका के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए।

  4. यूनिवर्सिटी प्रशासन की भूमिका की भी जांच की जाए।

इस घटना ने एक बार फिर उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्थिति और उनके साथ होने वाले व्यवहार पर गंभीर बहस छेड़ दी है। क्या शिक्षण संस्थान सिर्फ डिग्री देने का केंद्र बनकर रह गए हैं? यह सवाल अब हर अभिभावक और छात्र के मन में गूंज रहा है।


🖊️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083

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