
श्रावणी मेला 2025 में लाखों श्रद्धालु बाबा बासुकीनाथ का जलार्पण करने के लिए पहुँच रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीच स्वच्छता बनाए रखना प्रशासन की एक बड़ी चुनौती होती है, जिसे सफलतापूर्वक निभाया जा रहा है। मेला क्षेत्र को स्वच्छ और सुचारू बनाए रखने के लिए 450 सफाईकर्मियों की विशेष प्रतिनियुक्ति की गई है, जो तीन शिफ्टों में 24×7 कार्य कर रहे हैं।
रूट लाइन से लेकर मंदिर परिसर तक, सफाईकर्मियों की सतर्क निगरानी…
इन सफाईकर्मियों को मेला क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से रूट लाइन, शिवगंगा घाट, मंदिर परिसर, यात्री शेड, विश्रामगृह, टेंट सिटी, बाजार क्षेत्र एवं प्रमुख गलियों को शामिल किया गया है। दिन-रात सफाई का काम निरंतर जारी है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बाल्टी, झाड़ू, ट्रॉली और कंधों पर समर्पण का बोझ…
सफाईकर्मी विभिन्न साधनों जैसे झाड़ू, बाल्टी, कचरा गाड़ी और कंधों पर डस्टबिन लेकर मेला क्षेत्र की गंदगी को हटाते हुए क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने में लगे हैं। गर्मी, भीड़ और देर रात के बावजूद उनका जोश कम नहीं होता। कई सफाईकर्मी गलियों में झाड़ू लगाते दिखते हैं, तो कुछ मंदिर परिसर में कचरे का उठाव करते हैं। कंधों पर डस्टबिन उठाकर कूड़े को ट्रॉली में डालना, यह उनके रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है।
प्रशासन की निगरानी में विशेष अभियान…
सफाई व्यवस्था पर प्रशासन की भी सतत निगरानी है। प्रत्येक शिफ्ट में सुपरवाइजर नियुक्त हैं, जो सफाईकर्मियों की उपस्थिति, कार्यक्षमता एवं क्षेत्र की स्थिति पर ध्यान देते हैं।
श्रद्धालु भी कर रहे सराहना…
मेला क्षेत्र में आए श्रद्धालु साफ-सफाई व्यवस्था से काफी संतुष्ट हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, “इस बार साफ-सफाई काफी बेहतर है। कहीं भी कचरा फैला नहीं है। सफाईकर्मी हर थोड़ी देर में झाड़ू लगाते हुए दिख जाते हैं।”
स्वच्छता से सेवा का संदेश…
श्रावणी मेला में यह सफाईकर्मी न केवल स्वच्छता बनाए रखने का कार्य कर रहे हैं, उनका समर्पण, निष्ठा और सेवाभाव इस पावन अवसर को और भी दिव्य और भव्य बना देता है।