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गलत आरोप लगाकर हॉस्पिटल की छवि धूमिल करने की साजिश – डॉ. नवीन चौधरी

।। गलत आरोप लगाकर हॉस्पिटल की छवि धूमिल करने की साजिश – डॉ. नवीन चौधरी ।।

💫इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को पत्र लिखकर डॉ. नवीन ने मांगा न्याय ।।

अजीत मिश्रा (खोजी)

बस्ती।कैली रोड स्थित ओमवीर हॉस्पिटल को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के जवाब में हॉस्पिटल के संचालक डॉ. नवीन चौधरी ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को पत्र भेजकर पूरे मामले की सच्चाई से अवगत कराया है और न्याय की मांग की है। डॉ. चौधरी ने बताया कि 17 जुलाई को दोपहर लगभग 11 बजे वीरेंद्र कुमार अपने पिता पलटूराम को गंभीर हालत में अस्पताल लाए थे। जांच में पता चला कि कूल्हे पर सूजन थी और इंजेक्शन के कारण गांठ बन चुकी थी। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि मरीज का इलाज पहले किसी और अस्पताल में चल रहा था जहां गांठ को पकाने की कोशिश की जा रही थी। साथ ही मरीज की दो साल पहले बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। डॉ. नवीन ने बताया कि उन्होंने पहले सर्जरी से मना कर दिया था, लेकिन परिजनों की सिफारिश और पूरी जिम्मेदारी लेने के अनुरोध पर इलाज शुरू किया गया। इस तरह के मामलों में सिर्फ गांठ को चीरा लगाकर अंदर जमी मवाद को साफ कर दिया जाता है और पट्टी कर सुराख छोड़ा जाता है जिससे मवाद बाहर निकल सके। इलाज के बाद मरीज को ऑपरेशन रूम में एक घंटे तक रखा गया और स्थिति सामान्य होने पर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉ. चौधरी के अनुसार, परिजनों द्वारा पानी पिलाने के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी और वीपी लो हो गया। तत्काल जांच कर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉ. नवीन ने कहा कि 19 जुलाई को मृतक का पुत्र हॉस्पिटल से अपना सामान लेकर चला गया और बाद में किसी के बहकावे में आकर झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इस पूरे मामले को साजिश करार देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से न्याय की गुहार लगाई है।

इलाज में लापरवाही के आरोपों का डाक्टर ने किया खंडन,
बस्ती, 20 जुलाई। कैली रोड स्थित ओमवीर हॉस्पिटल के संचालक डा. एन.के. चौधरी ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद और मनगढ़न्त बताते हुये अपनी सफाई दी है। डा. चौधरी पर नगर थाना क्षेत्र के मरहा निवासी एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि इलाज में लापरवाही के चलते उनके पिता की मौत हो गई। इस संदर्भ में कोतवाली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिये पीड़ित पक्ष ने तहरीर भी दिया है।डाक्टर एन.के. चौधरी ने हैरानी जताते हुये कहा कि मरीज के इलाज में किसी किस्म की लापरवाही नही हुई है। केवल संदर्भित मामले में ही नही अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले किसी मरीज के इलाज में लापरवाही नही की जाती है। उन्होने कहा विभिन्न मामलों के जानकारों के साथ साथ वे खुद ही स्थितियों पर नजर रखते हैं। जहां तक सम्बन्धित मरीज की बात है, आरोप लगाया गया है कि आपरेशन के बाद टांका नही लगाया गया जिससे मरीज की हालत खराब हुई।जबकि फैसियोटॉमी में टांका नही लगाया जाता है। मरीज के परिजन को आपरेशन थियेटर में बुलाकर घाव दिखाया गया और बताया गया कि गंदा खून निकालने का रास्ता बना दिया गया है। उस वक्त कोई ब्लीडिंग नही हो रही थी। 17 जुलाई की रात करीब 11.30 बजे मरीज की हालत बिगड़ने पर बगैर कोई समय गंवाये मरीज को अटेन्ड किया गया। ब्लड की भी व्यवस्था की गई थी जिसके चढ़ाने की प्रक्रिया चल रही थी। परिजनों द्वारा यह कहना कि मृत्यु के बाद भी अस्पताल में इलाज चलता रहा बिलकुल गलत है। करीब 45 मिनट तक स्टैबलाइज करने के बाद एम्बुलेंस में ऑक्सीजन लगाकर मरीज को हायर सेन्टर रिफर किया गया।आरोप यह भी है डा. अर्चना चौधरी ने पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी। यह पूर्णतया झूठ है। डा. चौधरी ने कहा बेबुनियाद और मनगढ़न्त आरोप लगाकर उनकी और अस्पताल की छबि खराब की जा रही है। मीडिया में खबरे चलवाकर, कुछ राजनीतिक लोगों का इस्तेमाल कर धन उगाही की कोशिश की जा रही है। डाक्टर ने दावा किया है कि अस्पताल में मौजूद सीसीटीवी की रिकार्डिंग खुद हर आरोप का जवाब है। उन्होने कहा जांच को तैयार हैं और हर तरह से जाचं में सहयोग करेंगे लेकिन बेवजह किसी की छबि खराब करने के मामले में सामने वाले को भी सतर्क रहना चाहिये।

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