
तुमान मानसून आते ही अहरन नदी(पुटवां) में रेत का अवैध खनन तेज हो गया है। रेत माफिया बारिश के दौरान ऊंचे दामों पर रेत बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इसके चलते मानसून के दस्तक के साथ ही रेत निकाल कर जगह-जगह स्टॉक करने में लगे हैं। वहीं बारिश में निर्माण कार्य भी न रुके, इसके लिए रेत का स्टाॅक करना शुरू कर दिया है। इसके चलते रेत की मांग अधिक बढ़ गई है। ऐसे में रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। इस अवैध कारोबार को प्रशासन नहीं रोक पा रहा।
ग्राम बरबसपुर पुटवां के पास से बहने वाली अहरन नदी अवैध रेत उत्खनन का मुख्य अड्डा है। यहां से रोज सैकड़ों ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही। शासन की ओर से क्षेत्र में रेत उत्खनन के लिए कोई लीज जारी नहीं की गई है। ऐसे में क्षेत्र में रेत का अवैध खनन ही होता है। इसे रोकने के लिए न ही खनिज विभाग के अधिकारी और न ही स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रेत माफिया अधिक मुनाफा कमाने के लिए अभी से रेत का स्टॉक करने में जुट गए हैं। बारिश के दौरान नदी से रेत नहीं निकल पाता। इस दौरान रेत को मनमाफिक दामों में बेचकर माफिया भारी मुनाफा कमाते हैं। खनिज अधिकारी न कार्यवाही करने पर रेत उत्खनन करने वाले के हौसला बुलंद अगर रेत का अवैध खनन हो रहा है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।













