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Sonbhadra news:इमोशनल वेल-बीइंग कार्यशाला का सफल समापन, शिक्षकों ने कहा—“यह प्रशिक्षण जीवन और शिक्षा दोनों में लाएगा बदलाव”

इमोशनल वेल-बीइंग कार्यशाला का सफल समापन, शिक्षकों ने कहा—“यह प्रशिक्षण जीवन और शिक्षा दोनों में लाएगा बदलाव” 

सोनभद्र(राकेश कुमार कन्नौजिया)_

ज़िला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को चार दिवसीय इमोशनल वेल-बीइंग कार्यशाला का प्रभावशाली समापन हुआ। अंतिम दिन शिक्षकों ने एक-दूसरे को रोचक अंदाज़ में प्रमाणपत्र प्रदान किए। इस दौरान कई शिक्षक भावुक भी हुए और उन्होंने साझा किया कि यह कार्यशाला उनके जीवन की सबसे यादगार और प्रभावशाली प्रशिक्षणों में से एक रही।
शिक्षकों ने कहा कि स्वपूर्ण पाठ्यक्रम से मिली सीख ने उन्हें अपने भीतर झांकने का अवसर दिया है, तथा यह प्रशिक्षण छात्रों के लिए भी बेहद उपयोगी सिद्ध होने वाला है। शिक्षक अब उत्सुक हैं कि इस पहल को जल्द से जल्द अपने विद्यालयों में आरंभ करें, ताकि कक्षा 9 के विद्यार्थियों को सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, 21वीं सदी के कौशल और करियर जागरूकता का सीधा लाभ मिल सके।


कक्षा 9 में शुरू होगा ‘स्वपूर्ण’ कालांश, हर सप्ताह होंगे विशेष सत्र

स्वपूर्ण कालांश के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह जनपद के दो-दो राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की कक्षा 9 में सामाजिक-भावनात्मक सीख, 21वीं सदी के कौशल और करियर जागरूकता पर आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी।
यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा (माध्यमिक), उत्तर प्रदेश एवं मेधा लर्निंग फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से संचालित हो रहा है। विद्यार्थियों के समग्र विकास पर केंद्रित स्वपूर्ण पाठ्यक्रम तीन प्रमुख यूनिट पर आधारित है—

  1. सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा—जिसके माध्यम से विद्यार्थी अपनी भावनाओं को पहचानना, नियंत्रित करना और स्वस्थ तरीके से अभिव्यक्त करना सीखेंगे।
  2. 21वीं सदी के कौशल—जिनमें संचार, सहयोग, निर्णय-निर्माण, नेतृत्व, समस्या-समाधान तथा आत्मविश्वास जैसे कौशल शामिल हैं।
  3. करियर जागरूकता—जिससे विद्यार्थियों को अपने भविष्य की दिशा तय करने में सहायता मिलेगी।

नई शिक्षा नीति के अनुरूप—विद्यालयों में बनेगा संवेदनशील माहौल

समग्र शिक्षा माध्यमिक, लखनऊ के पीएएमओयू सदस्य एवं मेधा लर्निंग फाउंडेशन के अनुभवी ट्रेनर श्री ललित जोशी ने बताया कि नवीन शिक्षा नीति (NEP-2020) में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित, सहयोगी और भावनात्मक रूप से समर्थ वातावरण तैयार करना अत्यंत आवश्यक माना गया है।
उन्होंने कहा कि स्वपूर्ण पाठ्यक्रम के माध्यम से किशोर विद्यार्थियों को अपने भीतर की भावनाओं को पहचानने, तनाव का प्रबंधन करने, सकारात्मक निर्णय लेने और अपने करियर को सार्थक दिशा देने के अवसर मिलेंगे। यह पाठ्यक्रम किशोरों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने, आत्मसम्मान बढ़ाने और सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।


45 शिक्षकों ने हासिल की गहन ट्रेनिंग

इस चार दिवसीय ग़ैर-आवासीय प्रशिक्षण में 45 शिक्षक शामिल हुए। ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को स्वपूर्ण पाठ्यक्रम की प्रत्येक गतिविधि का गहराई से अभ्यास कराया गया।
प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख बिंदु—

  • कक्षा में सामाजिक-भावनात्मक वातावरण तैयार करना
  • समूह आधारित गतिविधियों का संचालन
  • विद्यार्थियों की डायरी के माध्यम से उनकी भावनाओं और अनुभवों को समझना
  • बच्चों को बातचीत, अभिव्यक्ति और सहयोग के लिए प्रोत्साहित करना
  • कक्षा में संघर्ष प्रबंधन और सकारात्मक अनुशासन तकनीक

शिक्षकों ने बताया कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें विद्यार्थियों के साथ अधिक संवेदनशील, सहानुभूतिपूर्ण और सकारात्मक संबंध बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण समझ दी है।


वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में उत्कृष्ट संचालन

कार्यशाला का संचालन  ललित जोशी,  अंकित पटेल और डॉ. अजय यादव द्वारा किया गया, जिन्होंने विभिन्न गतिविधियों, प्रेजेंटेशन और समूह चर्चाओं के माध्यम से प्रशिक्षण को रोचक और प्रभावशाली बनाया।
समापन समारोह का मार्गदर्शन ज़िला विद्यालय निरीक्षक  जयराम सिंह ने किया। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाएँ ज़िला समन्वयक  अरविंद सिंह चौहान द्वारा सुनिश्चित की गईं। उनके प्रयासों से चारों दिनों के सत्र सुचारू रूप से सम्पन्न हुए।


समापन ने दी नई ऊर्जा, नई दिशा

समापन कार्यक्रम में शिक्षकों ने कहा कि यह कार्यशाला न केवल एक प्रशिक्षण थी, बल्कि आत्म-अन्वेषण और जीवन कौशल का गहरा अनुभव भी रही।
उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वपूर्ण पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा और उन्हें जिम्मेदार, संवेदनशील और सक्षम नागरिक बनने में मदद करेगा।

यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए सीख, प्रेरणा और समग्र विकास का अद्वितीय मंच साबित हुई।

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