
गोविंदपुर :- झारखंड के कोडरमा जिले के सतगांवा थाना क्षेत्र अंतर्गत मीरगंज गांव से एक मार्मिक घटना सामने आई है, जहां घरेलू कलह के चलते एक 18 वर्षीय किशोरी ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया.
घटना गुरुवार की बताई जा रही है. पीड़िता की पहचान मीरगंज निवासी सर्जुन चौधरी की पुत्री निभा कुमारी के रूप में हुई है. अस्पताल में मौजूद निभा कुमारी की मां ने बताई की घर में निभा कुमारी एवं छोटी बहन में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी. बहनों के बीच झगड़े के बाद मैंने दोनों को डांट-फटकार लगाई. इस पर आहत होकर निभा कुमारी घर में रखी कीटनाशक दवा उठाकर पी गई. घटना के तुरंत बाद मुझे इसकी जानकारी हुई तो घबरा गए और बिना देरी किए निभा को ईलाज के लिऐ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोविंदपुर ले आई. इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. निशिकांत कुमार ने बताया कि किशोरी को जहर खाए हुए स्थिति में लाया गया था. त्वरित प्राथमिक उपचार के तहत गैस्ट्रिक लवाज (पेट की सफाई) प्रक्रिया द्वारा उसकी उल्टी करवाई गई, जिससे जहरीले पदार्थ को शरीर से बाहर निकाला जा सके. इसके बाद उसे आवश्यक दवाएं दी गईं और पल्स, ब्लड प्रेशर सहित सभी जरूरी स्वास्थ्य मानकों की लगातार निगरानी की गई. डॉ. निशिकांत ने और भी बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की स्थिति कुछ हद तक नियंत्रित हुई, लेकिन पूरी तरह से सुरक्षित नहीं थी ऐसे में बेहतर इलाज के लिए नवादा सदर अस्पताल रेफर किया गया है. हालांकि बताया जाता है कि डॉक्टर के द्वारा मरीज को रेफर करने के बाद नवादा सदर अस्पताल ना ले जाक बाइक से अपने साथ घर की ओर ले गए. इस दर्दनाक घटना के बाद निभा की मां सदमे में थी. उन्होंने बताया कि दोनों बेटियों के बीच छोटी-सी बात पर बहस हो गई थी. उन्होंने केवल समझाने के लिए डांट लगाई थी, पर उन्हें अंदाजा नहीं था कि बेटी इतनी बड़ी कदम उठा लेगी. मनोचिकित्सकों का मानना है कि किशोरावस्था में भावनाएं अत्यधिक संवेदनशील होती है. ऐसे में माता-पिता और अभिभावकों को संवाद के माध्यम से बच्चों की मानसिक स्थिति को समझने और उन्हें भावनात्मक सहयोग देने की आवश्यकता होती है.






