
🔥🚨 योगी सरकार का कोडीन सिरप माफिया पर महाएक्शन — 28 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी, 128 FIR, नशे के काले कारोबार में मचा हड़कंप! 🚨🔥
उत्तर प्रदेश में अवैध दवा कारोबार और नशे की सप्लाई चेन पर योगी सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान अब ऐतिहासिक रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के चलते प्रदेश भर में कोडीन सिरप माफिया पर ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक की गई है, जिसकी मिसाल हाल के वर्षों में नहीं मिलती। अवैध कोडीन सिरप—जो नशे के तौर पर बड़े पैमाने पर बेचे जाने लगा था—अब खुद योगी सरकार के निशाने पर है। सरकार के निर्देश पर औषधि प्रशासन और खुफिया इकाइयों ने मिलकर 28 जिलों में एकसाथ बड़े पैमाने पर दबिश दी, जिसका परिणाम यह हुआ कि सिर्फ कुछ ही दिनों में 128 FIR दर्ज कर दी गईं और कई फर्जी मेडिकल स्टोर्स तथा फर्जी बिलिंग करने वाली फर्में बेनकाब हो गईं।
सबसे ज्यादा कार्रवाई वाराणसी में हुई, जहाँ 38 FIR दर्ज की गईं। यह आंकड़ा बताता है कि बनारस रेंज में अवैध दवा कारोबार कितनी तेजी से फैल रहा था। इसके बाद कानपुर में 8, गाज़ीपुर में 6, जबकि लखनऊ और लखीमपुर खीरी में 4–4 FIR दर्ज की गई हैं। कई जिलों में मेडिकल स्टोर्स पर स्टॉक रजिस्टर, बिलिंग पैटर्न, होलसेल लाइसेंस और स्टोरेज क्षमता की गहन जांच की गई, जिससे यह खुलासा हुआ कि बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन और बिना अनुमति के बेचा और सप्लाई किया जा रहा था।
अधिकारियों के मुताबिक, कई फर्में लाइसेंसधारी तो थीं, परंतु वे फर्जी नामों पर बिल काटकर बड़े पैमाने पर सिरप की अवैध सप्लाई कर रही थीं। औषधि विभाग की टीमों ने जब छापेमारी की, तो कई जगह छिपाकर रखी गई बोरियों में भारी मात्रा में प्रतिबंधित कोडीन सिरप मिला। कुछ जगहों पर बंद गाड़ियों में सिरप भरकर दूसरे जिलों में भेजने की तैयारी चल रही थी। कई जिलों में गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं और कई संदिग्धों से पूछताछ जारी है, जिससे पूरे रैकेट की चेन जल्द उजागर होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, सरकार ने एक विशेष WhatsApp नंबर – 8756128434 जारी किया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति कोडीन सिरप की अवैध बिक्री, स्टोरेज या सप्लाई से संबंधित जानकारी गोपनीय रूप से भेज सकता है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह सुरक्षित रखी जाएगी। यह नंबर जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है, ताकि नशे के खिलाफ समाज और सरकार साथ मिलकर लड़ सकें।
योगी सरकार इस अभियान को सिर्फ एक कार्रवाई नहीं बल्कि युवा पीढ़ी की सुरक्षा के लिए बड़ा युद्ध मान रही है। मुख्यमंत्री खुद कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि नशे के कारोबारियों, फर्जी मेडिकल स्टोर्स, गलत बिलिंग करने वाली फर्मों और किसानों के नाम पर दवा माफिया चलाने वालों को किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा। कोडीन सिरप की बिक्री, स्टोरेज और परिवहन पूरी तरह से कानूनन प्रतिबंधित है, और अब इस कानून को तोड़ने वालों पर सख्त धाराएँ लगाई जा रही हैं।
पिछले कुछ वर्षों में नशे का यह कारोबार तेजी पकड़ रहा था, जो युवा वर्ग और खासकर ग्रामीण इलाकों में खतरा बन चुका था। कोडीन सिरप को एक सामान्य दवा बताकर कई जगह खुलेआम बेचा जा रहा था, जबकि यह उच्च श्रेणी का प्रतिबंधित नशा है। अब जब सरकार ने इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है, तो प्रदेश में ऐसे अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।
यह महाएक्शन साफ संदेश देता है कि उत्तर प्रदेश में नशे का कारोबार चलाना अब नामुमकिन है। योगी सरकार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि “जीरो टॉलरेंस” सिर्फ नारा नहीं, बल्कि कड़ाई से लागू होने वाली नीति है—कहकर नहीं, करके दिखाने वाली सरकार।
✍ रिपोर्ट : अलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
ब्यूरो प्रमुख – दैनिक आशंका बुलेटिन, सहारनपुर
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